LDF Vs UDF: केरल के मंत्री ने राहुल गांधी को लेकर कही कुछ ऐसी बात, कांग्रेस बोली- कैसे लगा सकते हैं आरोप
Kerala Congress: केरल के वित्त मंत्री ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ पर 'घटिया राजनीति' खेलने का आरोप लगाया था. अब इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया है.
Kerala Politics: केरल की वाम मोर्चा गठबंधन (LDF) की सरकार में वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने राहुल गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक गठबंधन (UDF) पर वित्तीय मामलों में राज्य के लिए आवाज न उठाने का आरोप लगाया था. वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने शुक्रवार (18 अगस्त) को कहा था कि राहुल गांधी केरल से सांसद हैं, लेकिन संसद में हमारे मुद्दे नहीं उठते. इस पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है.
केरल के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक रमेश चेन्नीथला ने पलटवार करते हुए कहा, केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल राज्य में वित्त प्रबंधन में पूरी तरह विफल रहे हैं. केरल कर्ज के जाल में फंस गया है, सरकार को पता नहीं है कि इससे कैसे निकला जाए, लेकिन वह कांग्रेस सांसदों को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं.
हम नहीं चला रहे सरकार- कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि वह इस मुद्दे के लिए कांग्रेस को कैसे दोषी ठहरा सकते हैं. राज्य में सरकार हम नहीं चला रहे हैं." साथ ही उन्होंने राज्य की वित्तीय हालत सुधारने के लिए केरल के मुख्यमंत्री के प्रयासों को लेकर सवाल पूछा.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा," जब भी समय आता है हम संसद में मुद्दे उठाते हैं. हमारे सांसद संसद में हमेशा ही स्थानीय मुद्दों को उठाते हैं. वित्तीय आयोग की रिपोर्ट के अनुसार केरल को केंद्र से अधिक समर्थन की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र इसे स्वीकार नहीं कर रहा है तो हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं?" उन्होंने पूछा कि क्या केरल के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के पास जाकर सहायता मांगी है?
वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने क्या कहा था?
केरल के वित्तमंत्री केएन बालगोपाल ने शुक्रवार को कहा, केंद्र केरल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहा है और कड़वी बात ये है कि राज्य के यूडीएफ सांसद घटिया राजनीति खेल रहे हैं. राहुल गांधी जैसे महत्वपूर्ण नेता केरल के लोगों के हित में काम नहीं कर रहे हैं.
एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा था, इस बार केंद्र से मिलने वाले अनुदान में 80 फीसदी की कटौती की गयी है. पहले केरल को कुल राजस्व में केंद्र सरकार के हिस्से से लगभग 45% और राज्य से 45% मिलता था. अब केरल 70 फीसदी दे रहा है और 30 फीसदी से भी कम मिल रहा है.
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