PFI Ban: गृह मंत्रालय ने विवादित संगठन पीएफआई (PFI) पर एक्शन लेते हुए अगले पांच सालों के लिए बैन (Ban) कर दिया है. इस संगठन को बैन करने की मांग कई राज्यों से उठी थी. पीएफआई के बैन होने के बाद तमाम नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं जो अपनी अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. इसी मामले पर केरल कांग्रेस (Congress) के सांसद कोडिकुन्नील सुरेश (Kodikunnil Suresh) का भी बयान सामने आया है.
कोडिकन्नील सुरेश ने अपने बयान में कहा है कि सिर्फ पीएफआई पर ही बैन क्यों लगाया गया. आरएसएस पर भी बैन लगाया जाना चाहिए. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगने के बाद अब इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, 'पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है. हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं. आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है. पीएफआई और आरएसएस एक समान हैं, इसलिए सरकार को इन दोनों पर बैन लगा देना चाहिए.'
‘देश में अघोषित आपातकाल’
तो वहीं, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. पार्टी की ओर से एक बयान जारी करके कहा गया है कि पीएफआई पर बैन लगाना भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर हमला है. बयान में कहा गया कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है.
‘बैन लगाने का आ गया था समय’
कर्नाटक (Karnataka) के सीएम बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने कहा कि यह इस देश के लोगों द्वारा, सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस जैसे विपक्ष सहित सभी राजनीतिक दलों ने लंबे समय से मांग की थी. पीएफआई (PFI) देश विरोधी गतिविधियों, हिंसा में शामिल था. देश के बाहर उनकी कमान थी. इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया था. भारत सरकार (Indian Goverment) ने सही फैसला लिया है. यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है. मैं लोगों से ऐसे संगठनों से नहीं जुड़ने का आग्रह करता हूं.
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