Shashi Tharoor Kerala Congress: सांसद शशि थरूर को लेकर केरल कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. समय-समय पर पार्टी नेताओं में शशि थरूर को लेकर अलग-अलग विचार और टिप्पणियां सुनने को मिल रही हैं. सोमवार को थरूर उत्तरी केरल पहुंचे, जिसके बाद पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुधाकरन ने अन्य नेताओं को सार्वजनिक बयान देने से बचने को कहा. उन्होंने निर्देश दिया कि वे कुछ भी ऐसा न बोलें, जिससे पार्टी की एकता को नुकसान पहुंच सकता है. दूसरी ओर, सांसद थरूर के समर्थकों का कहना है कि अब पार्टी में उनके लिए काफी कुछ बदल गया है.


केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा, "कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो आंतरिक लोकतंत्र सुनिश्चित करती है. पार्टी की एकता को प्रभावित करने वाले सार्वजनिक बयानों से बचना चाहिए. थरूर कांग्रेस के बड़े नेता हैं. उन्हें जिला कांग्रेस समितियों (डीसीसी) के परामर्श से आधिकारिक कार्यों में भाग लेने की स्वतंत्रता है. नेताओं के सांगठनिक कार्य में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए. पार्टी थरूर से संबंधित मुद्दों पर बहस करेगी."


यूथ कांग्रेस ने कार्यक्रम में बोलने से रोका...


शशि थरूर ने उत्तर केरल में अपना चार दिवसीय दौरा शुरू किया और उसी के बाद सुधाकरन ने पार्टी नेताओं से यह अपील की है. पार्टी के दबाव के बाद, यूथ कांग्रेस (Youth Congress) ने रविवार को कोझिकोड में एक कार्यक्रम से अपना हाथ खींच लिया, जहां सांसद को "संघ परिवार और धर्मनिरपेक्षता की चुनौतियों" के बारे में बात करनी थी. थरूर ने शुरू में कहा कि वह इस कार्यक्रम को "खेल भावना" के साथ देख रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने मांग की कि यूथ कांग्रेस के इस फैसले की जांच होनी चाहिए, जिसमें उनको भाषण देने से मना किया गया.


कोझिकोड जिला अध्यक्ष ने क्या कहा?


सुधाकरन का बयान पार्टी के कोझिकोड जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार के बिल्कुल विपरीत था, जिन्होंने दावा किया था कि थरूर को कार्यक्रम स्थल से वंचित कर दिया गया था, क्योंकि बातचीत को "गुटीय गतिविधि" माना जा रहा था. पार्टी में थरूर के विरोधियों को एक कड़ा संदेश भेजते हुए, कोझिकोड के सांसद एमके राघवन ने रविवार को कहा, "जिन लोगों ने यूथ कांग्रेस को थरूर की मेजबानी करने से प्रतिबंधित कर दिया है, उन्हें याद रखना चाहिए कि विशु (अप्रैल में मनाया जाने वाला केरल का फसल उत्सव) अमलतास को काटकर खत्म नहीं किया जा सकता है.


'थरूर पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए था'


इस सबके बीच, सोमवार को केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष और वातकरा के सांसद के मुरलीधरन ने विवाद में एक नया मोड़ जोड़ दिया, यह दावा करते हुए कि पार्टी के कुछ नेताओं ने थरूर को एक खतरे के रूप में देखा है. किसी का नाम लिए बगैर मुरलीधरन ने कहा, ''मुख्यमंत्री पद पर नजर रखने वालों का इसके पीछे हाथ है. मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता. थरूर पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए था."


'हर कोई जानता है क्या हुआ है...'


उधर, एमके राघवन द्वारा इस प्रकरण की आंतरिक जांच की मांग के बारे में पूछे जाने पर, मुरलीधरन ने कहा, "हर कोई जानता है कि क्या हुआ है... किसी जांच की जरूरत नहीं है क्योंकि चीजें बहुत स्पष्ट हैं. थरूर को यूथ कांग्रेस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जाना चाहिए था." इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस विधायक वीडी सतीशन ने का बयान भी सामने आया है. उन्होंने विवाद में पड़ने से इनकार करते हुए कहा, ''उन्होंने (मुरलीधरन) जो कहा, उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. यह एक पार्टी का मामला है और प्रदेश अध्यक्ष इस पर टिप्पणी करेंगे."


केरल की राजनीति में सक्रिय होंगे थरूर


उल्लेखनीय है कि शशि थरूर के राज्य की राजनीति में सक्रिय होने की बात कही जा रही है. आने वाले दिनों में इन नेताओं के बीच समीकरण बदलने की संभावना है. कांग्रेस में सवर्ण हिंदू नायर खेमा पहले से ही महत्वाकांक्षी नेताओं से भरा हुआ है और राज्य की राजनीति में थरूर के प्रवेश से समूह में मंथन शुरू होने की संभावना है. हालांकि मुरलीधरन और सुधाकरन दोनों ही थरूर के साथ नहीं थे, जब उन्होंने अक्टूबर में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था.


IUML ने किया थरूर का समर्थन


कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने सोमवार को थरूर का समर्थन किया. पार्टी नेता पीके कुन्हालीकुट्टी ने कहा, "जब कांग्रेस देश में धर्मनिरपेक्ष मोर्चे का नेतृत्व कर रही है तो थरूर इसके अगुआ सेनानी हैं. वह एक लोकप्रिय नेता हैं और यह कांग्रेस पर निर्भर है कि वह थरूर का कैसे इस्तेमाल करते हैं." बता दें कि थरूर मंगलवार को मलप्पुरम में आईयूएमएल प्रमुख पनक्कड़ सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल और कुन्हालिकुट्टी के साथ चर्चा करेंगे. थरूर पिछले दो दिनों में कोझिकोड में दो कैथोलिक बिशप से भी मुलाकात कर चुके हैं.


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