केरल: कालीकट यूनिवर्सिटी के सिलेबस में शामिल अरुंधति रॉय के लेख पर विवाद, BJP ने राष्ट्रविरोधी बताया
कालीकट यूनिवर्सिटी में लेखिका अरुंधति रॉय के लेक्चर Come September को शामिल किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इसे राष्ट्रविरोधी करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है.
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नई दिल्लीः केरल के कोझीकोड में कालीकट यूनिवर्सिटी के बी.ए. इंग्लिश द्वितीय वर्ष के तीसरे सेमेस्टर में लेखिका अरुंधति रॉय के लेक्चर Come September को शामिल किया गया था. जिसे लेकर प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इसे राष्ट्रविरोधी करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. वहीं सिलेबस के लेख में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि बीजेपी एक आंदोलन शुरू करेगी और अगर पाठ्यक्रम से लेक्चर वापस नहीं लिया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सुरेंद्रन का आरोप है कि लेखिका अरुंधति रॉय के लेक्चर Come September में खुलेआम हिंदू फासीवाद की बात कही गई है.
इसके साथ ही उनका कहना है कि अरुंधति रॉय ने 2008 में कश्मीरी स्वतंत्रता के समर्थन का समर्थन किया था, साथ ही सशस्त्र भारतीय सेना के खिलाफ कश्मीरियों के निहत्थे संघर्ष की सराहना की थी. के. सुरेंद्रन ने राज्यपाल और चांसलर आरिफ मोहम्मद खान को संबोधित करते हुए पत्र में कहा है कि अरुंधति रॉय का लेक्चर उन बहादुर सैनिकों का अपमान करने वाला है जिन्होंने हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी थी.
बता दें कि अरुंधति ने 18 सितंबर, 2002 में अमेरिका के सांता फ़े में लानन फ़ाउंडेशन में यह लेक्चर दिया था, जो कि 2003 में पब्लिश हुआ था. अरुंधति के इस लेक्चर पर कई लोगों ने मुद्दे को लेकर उनकी तारीफ भी की थी. अरुंधति ने अपने लेक्चर में कहा था कि भारत में जो भी कॉर्पोरेट वैश्वीकरण, बड़े स्तर पर हुए विकास कार्यों, परमाणु बम, सांप्रदायिक हिंदू फासीवाद को बढ़ता हुआ खतरा मानता है उसे सरकार राष्ट्र द्रोही समझा जाता है.
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