Kerala Coronavirus Cases: देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी होती हुई दिख रही है, खासकर केरल में, जहां पर कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे थे. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि संक्रमण की रफ्तार भविष्य में न बढ़े. स्वास्थ्य मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान गुरूवार को आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि हम केरल मे कोरोना के कम होते मामलों को देख रहे हैं. अन्य राज्य भी भविष्य में बढ़ते मामलों को टालने की राह पर हैं.


हालांकि, उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में त्योहार आ रहे हैं और ऐसें में लोगों का जमावड़ा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या का घनत्व बढ़ने से संक्रमण फैलने के अनुकूल वातावरण बनता है. बलराम भार्गव ने कहा कि इस वक्त की जरूरत है- वैक्सीन लेना, कोविड-19 से संबंधित सही व्यवहार करना, अगर जरूरी हो तो ही यात्रा करना और जिम्मेदारी से उत्सव मनाना.






स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में पिछले हफ्ते सामने आए कोविड-19 के कुल मामलों में से 67.79 प्रतिशत केरल से थे, यह एक लाख से ज्यादा उपचाराधीन मरीजों वाला एक मात्र राज्य है. सरकार ने कहा कि भारत के 34 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा है जबकि 32 जिलों में यह 5-10 प्रतिशत के बीच है. सरकार ने आगे कहा कि भारत की 20 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं जबकि 62 प्रतिशत को कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है.


नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने कहा कि मिजोरम में इस वक्त चिंता बनी हुई है. उन्होंने कहा कि आने वाले 2-3 महीनों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा. हम हर किसी से यह अनुरोध करते हैं कि वे आने वाले तिमाही में सतर्क रहें. हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि केरल तक में कोरोना के मामले स्थिर हैं.


ये भी पढ़ें:


कब तक रहती है कोविड-19 की एंटीबॉडीज और क्या ये दोबारा संक्रमण का जोखिम करती हैं कम? जानिए


हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया- अगले 6 महीने में कोरोना वायरस हो जाएगा कमजोर, इससे निपटना होगा और आसान