Kerala: अब केरल में दिखा ईडी का एक्शन, FCRA उल्लंघन मामले में ‘लाइफ मिशन’ के पूर्व सीईओ से 9 घंटे तक पूछताछ
ED Action In Kerala: अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी संगठन ‘रेड क्रीसेंट’ ने ‘लाइफ मिशन’ परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये प्रदान करने की सहमति जताई थी. जिसमें आरोप है कि ठेकेदार के चयन में भ्रष्टाचार हुआ है.
ED Action on Life Mission Ex CEO: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देश के अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई जारी है. ईडी की नई कार्रवाई शुक्रवार को केरल में हुई. यहां प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने गरीबों को आवास मुहैया कराने की केरल सरकार की महत्वाकांक्षी ‘लाइफ मिशन’ परियोजना में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन की फाइल की जांच की.
इस कड़ी में टीम ने शुक्रवार को परियोजना के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) यूवी जोस से पूछताछ हुई. जांच एजेंसी ने केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी में केरल सरकार की ‘लाइफ मिशन’ परियोजना को लेकर जोस को अपने कार्यालय में बुलाया और यहां करीब 9 घंटे तक पूछताछ का सिलसिला चलता रहा.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने किया किनारा
वहीं, ईडी के इस एक्शन के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर से कोई संबंध नहीं है, जो इस मामले में आरोपी हैं. गोविंदन ने कुछ लोगों पर शिवशंकर को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
2020 में दर्ज हुई थी एफआईआर
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने वडक्कनचेरी से तत्कालीन विधायक एवं कांग्रेस नेता अनिल अक्कारा की शिकायत पर 2020 में कोच्चि की एक अदालत में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 2010 की धारा 35 के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी, इस एफआईआर में कोच्चि स्थित ‘यूनिटेक बिल्डर’ के प्रबंध निदेशक संतोष एप्पन को पहले आरोपी और ‘साने वेंचर्स’ को दूसरे आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.
कांग्रेस का आरोप, ठेकेदार के चयन में हुआ भ्रष्टाचार
दोनों कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी संगठन ‘रेड क्रीसेंट’ के साथ किए समझौते के आधार पर निर्माण किया था. ‘रेड क्रीसेंट’ ने ‘लाइफ मिशन’ परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये प्रदान करने की सहमति जताई थी. अक्कारा और कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि ‘रेड क्रीसेंट’ की ओर से ठेकेदार के चयन में भ्रष्टाचार हुआ है.
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