Kerala Exit Poll Results: लेफ्ट का गढ़ माने जाने वाले केरल विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को आने वाले हैं और इससे पहले आज एबीपी एग्जिट पोल में हम बता रहे हैं कि वहां सियासी तस्वीर कैसे रहने वाली है. 6 अप्रैल को एक चरण में हुए चुनाव में जनता ने फैसला सुना दिया है और एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार फिर से सीपीआई की अगुवाई वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सत्ता में वापसी होती दिख रही है. हालांकि कांग्रेस नीत युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने कड़ी टक्कर देने की कोशिश की है. वहीं बीजेपी को इस बार भी वहां कोई खास फायदा नहीं हुआ है.
किस रीजन में किस पार्टी को कितनी सीटें
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फंड की संभावित सीटें
केरल में तीन रीजन के आधार पर सीटों को बांटा गया है और इसमें मध्य केरल, उत्तर केरल और दक्षिण केरल के लिए सीटों का आंकड़ा है. मध्य केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट की अगुवाई वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक फंड (एलडीएफ) 16 से 18 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है और उत्तर केरल में एलडीएफ को 34 से 36 सीटों पर जीत मिल सकती है. वहीं दक्षिण केरल में 21 से 23 सीटों पर एलडीएफ जीत सकती है. इस तरह तीनों रीजन में कुल मिलाकर एलडीएफ को 71 से 77 सीटें पर जीत मिल सकती है और वो दोबारा सत्ता पर काबिज हो सकती है.
यूडीएफ की सीटों का अनुमान
मध्य केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ 23 से 25 सीटें जीत सकता है और उत्तर केरल में 24 से 26 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है. दक्षिण केरल में 15 से 17 सीटों पर इसके जीतने की संभावना है. इस तरह तीनों रीजन में कुल मिलाकर देखा जाए तो यूडीएफ को 62 से 68 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है.
बीजेपी (एनडीए) को फायदा नहीं
पिछले चुनावों में मात्र 1 सीट पर जीती बीजेपी को इस बार दक्षिण केरल से 2 सीटों के जीतने की उम्मीद है और ये ही वो दो सीटें है जिन पर राज्य में बीजेपी को जीत मिलने की संभावना है. इस तरह पिछले चुनाव से इस बार बीजेपी को सिर्फ 1 सीट ज्यादा मिलने की उम्मीद है.
किस पार्टी को कितना फायदा-कितना नुकसान
एलडीएफ
2016 की तुलना में सत्ताधारी एलडीएफ को मध्य केरल में 5 सीटों, उत्तर केरल में 2 सीटों और दक्षिण केरल में 10 सीटों के नुकसान की संभावना है. इस तरह कुल मिलाकर पिछली बार की तुलना में 17 सीटें कम मिलने की संभावना है. साल 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में एलडीएफ को 91 सीटें मिली थीं.
यूडीएफ
वहीं मुख्य विपक्षी यूडीएफ को मध्य केरल में 6 सीटों, उत्तर केरल में 2 सीटों और दक्षिण केरल में 10 सीटों का फायदा मिलने की उम्मीद है. इस तरह पिछले चुनाव की तुलना में 18 सीटों के फायदे का अनुमान है. 2016 के असेंबली इलेक्शन में यूडीएफ को 47 सीटों पर जीत मिली थी.
वोट शेयर का अनुमान
एलडीएफ का वोट शेयर
मध्य केरल में एलडीएफ को 40.9 फीसदी शेयर मिलने की संभावना है जबकि 2016 में इसे 41 फीसदी वोट शेयर मिला था. उत्तर केरल में एलडीएफ को 43.5 फीसदी वोट शेयर मिला था और 2016 में इसे इस रीजन में 44.1 फीसदी वोट शेयर मिला था. दक्षिण केरल में एलडीएर को 41.9 फीसदी वोट शेयर इस बार मिल सकता है और पिछली बार 44.6 फीसदी वोट शेयर मिला था. कुल वोट शेयर देखें तो एलडीएफ को इस बार 42.8 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है जबकि 2016 में इसे 43.5 फीसदी वोट शेयर मिला था. कुल मिलाकर 2-16 से 0.7 फीसदी के वोट शेयर का नुकसान होता दिख रहा है.
यूडीएफ का वोट शेयर
इस बार उत्तर केरल में यूडीएफ को 41.7 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है और 2016 में इस रीजन में 39.9 फीसदी वोट मिला था. उत्तर केरल में इसे 42.7 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है और 2016 में 40.1 फीसदी वोट शेयर मिला था. वहीं दक्षिण केरल में यूडीएफ को 40.6 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है जबकि 2016 में इसे 35.9 फीसदी वोट शेयर मिला था. कुल मिलाकर 41.4 फीसदी वोट शेयर इस बार मिल सकता है और 2016 में इसे 38.8 फीसदी वोट शेयर मिला था. पिछली बार से 2.6 फीसदी वोट शेयर बढ़ता दिख सकता है.
बीजेपी (एनडीए का वोट शेयर)
मध्य केरलमें बीजेपी को 15 फीसदी, उत्तर केरल में 11 फीसदी और दक्षिण केरल में 16.4 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जो 2016 के चुनाव में क्रमशः 15.3 फीसदीस 12.9 फीसदी और 17.5 फीसदी रहा था. कुल मिलाकर इस चुनाव में बीजेपी को 13.7 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जो 2016 में 14.9 फीसदी था. यानी पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी को 1.2 फीसदी वोट शेयर घटा है.
बहुमत का आंकड़ा
केरल में कुल 140 विधानसभा सीटें हैं और यहां बहुमत का आंकड़ा 71 सीटों का है. एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कि एक बार फिर लेफ्ट नीत एलडीएफ सत्ता में वापसी करता दिख सकता है.
नोट- बंगाल में 8 चरण की वोटिंग आज खत्म हुई है जबकि तमिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी में 6 अप्रैल को वोटिंग खत्म हो गई थी. एबीपी न्यूज़ के लिए सी वोटर ने पांचों चुनावी राज्यों में सर्वे किया है. इस सर्वे में एक लाख 88 हजार 473 मतदाताओं की राय ली गई है. इसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के 83 हजार वोटर शामिल हैं. इस पोल में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस तीन फीसदी है.
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