केरल बाढ़: अब बुखार की चपेट में आया राज्य, अब तक नौ लोगों की मौत
केरल बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब वहां बुखार की परेशानी ने घर कर लिया है. लेप्टोस्पायरोसिस सहित अन्य बुखार के कारण 29 अगस्त से अभी तक नौ लोग मारे गये हैं.
तिरूवनंतपुरम: केरल के ज्यादातर हिस्सों से बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब वहां बुखार की परेशानी ने घर कर लिया है. लेप्टोस्पायरोसिस सहित अन्य बुखार के कारण 29 अगस्त से अभी तक नौ लोग मारे गये हैं. स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अनुसार, सोमवार को पलक्कड़ और कोझीकोड़ जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के कारण सोमवार को एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभन्न अस्पतालों में 71 लोग लेप्टोस्पायरोसिस (रैट फीवर) से ग्रस्त पाये गये हैं, जबकि 123 लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को 13,800 से ज्यादा लोगों ने अस्पतालों में विभिन्न बुखारों के लिए अपना इलाज कराया. इनमें से डेंगू के 11 मामले निकले जबकि 21 संदिग्ध मामले थे.
केरल बाढ़ पर अबतक की एक नज़र आपको बता दें कि भारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने की वजह से खोले गए 20 से ज़्यादा बांधों ने केरल में तबाही मचा दी. हालांकि, राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के बिना जानकारी दिए मुल्ला पेरियार बांध खोलने की वजह से राज्य में ऐसा तबाही आई. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुसार राज्य में 21,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से उन्होंने क्रेंद सरकार से इतने की ही मदद मांगी थी.
विजयन सरकार ने मोदी सरकार से तत्काल मदद के तौर पर 1000 करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन शरुआती मदद के तौर पर महज़ 100 करोड़ रुपए दिए गए. बाद में इस रकम में 500 करोड़ और जोड़े गए. वहीं, देश के अन्य राज्य मदद के तौर पर केरल को करीब 200 करोड़ की रकम देने वाले हैं. जिस राज्य को 21,000 करोड़ का नुकसान हुआ है उसे अभी तक कुल 1000 करोड़ के आस पास की रकम मिल पाई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि 400 से ज़्यादा लोगों मौत और 10 लाख से ज्यादा लोगों के विस्थापन का सामना करने वाले इस राज्य को बाढ़ की विभीषिका से उबरने में लंबा समय लगेगा. राहत से जुड़ी रकम की कमी को देखते हुए ये समय और लंबा हो सकता है.
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