तिरुवनन्तपुरम: केरल की विनाशकारी बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने वाले मछुआरों ने राज्य सरकार की पैसों की पेशकश ठुकरा दी है.  मछुआरों के एक प्रमुख नेता ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की तरफ से समुदाय के प्रत्येक सदस्य को तीन हजार रुपये देने की पेशकश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. केरल में अाई बाढ़ के हालात के बीच एक और जहां सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई कमी नहीं रखी तो दूसरी ओर बिना यूनिफॉर्म और बिना कैप के कुछ हीरोज समंदर से अपनी नावों के साथ लोगों की जान बचा रहे हैं.


सीएम विजयन ने की मछुआरों की सराहना

ये मछुआरे बोट्स के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच रहे हैं और लोगों को बचा रहे हैं. इन मछुआरों की हर तरफ तारीफ हो रही है. वाईपिन के रहने वाले जयन ने एबीपी न्यूज को बताया कि मुख्यमंत्री से मिली सराहना से वह काफी खुश हैं. सीएम विजयन ने दूर-दराज के इलाकों में बारिश और खतरनाक जलस्तर होने के दौरान अपनी जान पर खेलकर असहाय लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाने के लिए इस समुदाय की सराहना की थी.

केरलवासियों की जान पैसों के लिए नहीं बचाई- मछुआरे

उन्होंने कहा. ''कई लोगों को बचाकर मैं और मेरे दोस्त वास्तव में काफी खुश हैं. इससे ज्यादा खुशी की क्या बात हो सकती है जब सीएम कहें कि हम मछुआरे उनकी सेना हैं, जब हमने सुना कि हमारी सेवा के लिए तीन हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा तो हमें इससे दुख हुआ, क्योंकि हमने अपने साथी केरलवासियों की जान पैसों के लिए नहीं बचाई है.''


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