नई दिल्ली: बारिश थमने के बाद केरल में आखिरकार बाढ़ की विभीषिका से लोगों को थोड़ी राहत मिली और उफनती नदियों के जलस्तर में कमी आई. अब राज्य के सामने लाखों लोगों का पुनर्वास और जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को रोकना बड़ी चुनौती है. बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों की तादाद काफी ज्यादा है. राहत शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं और करीब 400 लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि देशभर से कई टनों में राहत सहायता मिल रही है.


'गंभीर आपदा'
केंद्र ने केरल में आयी विनाशकारी बाढ़ को कल ‘गंभीर प्रकृति की आपदा‘ घोषित किया. इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित ना करने से राज्य को केंद्र से अधिक वित्तीय और अन्य सहायता नहीं मिल सकेगी. विपक्षी दलों की मांग है कि केरल बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. सरकार ने इस मांग पर कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा, ''राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रावधान नहीं है. कांग्रेस जब 2004-14 में सत्ता में थी तो किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा नहीं घोषित किया गया था.''


मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि विभिन्न वर्गों से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भी यही मांग है लेकिन केंद्र ने ऐसी घोषणा करने में कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला दिया है. अब हमें कुल नुकसान का आकलन करने और केंद्र से इसके बराबर मदद मांगने की जरुरत है.’’


करोड़ों का नुकसान
उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिक आकलन के अनुसार, राज्य को अभी तक करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य को हरसंभव मदद दी है. केरल को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से 210 करोड़ रुपये मिले हैं और 160 करोड़ रुपये का वादा किया गया है.’’ विजयन ने बताया कि सरकार 29 अगस्त को उन मछुआरों को सम्मानित करेगी जिन्होंने बचाव अभियान में भाग लिया.





स्थिति का जायजा लेने के लिए कल यहां सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. विजयन ने कहा कि कई स्थानों पर जल स्तर कम होने के साथ ही लोगों ने अपने घर लौटना और सफाई अभियान शुरू कर दिया है. राज्य सरकार ने भी उन्हें सफाई की किट बांटने का फैसला किया है.


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भारतीय मौसम विभाग के तिरुवनंतपुरम केंद्र के निदेशक के. संतोष ने बताया कि सभी अलर्ट वापस ले लिए गए हैं और राज्य में केवल हल्की से मध्यम बारिश हुई. अगले पांच दिनों के लिए भी ऐसा ही अनुमान जताया गया है. सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमों का बचाव अभियान जारी है.





सेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी आर सोनी ने कहा कि राहत अभियान अब भी जारी है और जिन क्षेत्रों तक आसान पहुंच नहीं है, वहां फंसे लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सोनी ने कहा कि राहत अभियानों में 1,500 सैन्यकर्मी शामिल हैं.


अधिकारियों ने बताया कि मकानों का मलबा हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि उन्हें रहने लायक बनाया जा सकें. विजयन ने कहा कि केरल अत्यधिक शक्ति के साथ ‘‘विनाशकारी’’ बाढ़ से उबरने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहा है. सोशल मीडिया पर सरकार के राहत प्रयासों की निंदा करने वाले कुछ संदेशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी फेसबुक पोस्ट में किसी ने हमें नीचा दिखाने की कोशिश की तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे.


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री बंदरगाह पर पहुंचनी शुरू हो गई है जिससे कि भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल सके. महाराष्ट्र से करीब 100 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों की एक टीम आज केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए रवाना हुई. इस बीच, भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान ने जिस पैमाने पर ‘‘ऑपरेशन मदद’’ शुरू किया था अब बारिश धीमी पड़ने के बाद उसे कम करना शुरू कर दिया है.


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