नई दिल्ली: केरल में करीब दो हफ्ते से हो रही बारिश थम गई है, बाढ़ प्रभावित जिलों में पानी कम हो रहा है लेकिन चुनौतियां अब भी बरकरार है. 10 लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं. कई दिनों से जमा पानी प्रदूषित हो चुकी है. जिसकी वजह से बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है. बारिश और बाढ़ से सूबे में कम से कम 400 लोग जान गवां चुके हैं और सैकड़ों लापता हैं.
राज्य प्रशासन, सेना, नौसेना, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीम दिन रात राहत बचाव कार्य में जुटी है. देश ही नहीं बाहर रह रहे लोग राज्य में फंड की कमी को पूरा करने के लिए चंदा दे रहे हैं. कई संस्था खाने-पीने और कपड़ा मुहैया करा रहे हैं.
बीमारी से जंग
राज्य के सभी जिले बाढ़ से जलमग्न है. ऊपरी इलाकों से पानी उतर रहा है. लेकिन जगह-जगह जलजमाव है. पानी रुकने की वजह से सड़ांध पैदा हो रहा है. जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है. कई इलाकों में चिकनपॉक्स और बुखार की शिकायतें मिली है. सभी एजेंसी और राहत-बचाव में जुटी टीम की पहली प्रमुखता मेडिकल सुविधा पहुंचाना है.
कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि पूरे राज्य में 35,00 से अधिक मेडिकल कैंप बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि 90 तरह के उपचार की जरूरत है, पहले उसे भेजा जा रहा है. 52 टन आपातकालीन दवाओं की खेप पहुंचाई गई है. अधिकारियों और राहतकर्मियों ने बताया कि सांप काटने के पचास मामले सामने आए हैं क्योंकि बाढ़ के पानी में आए तालाबों से निकलकर आए सांप लोगों के घरों में घुस गए थे.
स्थानीय लोग राहत-बचाव कार्य में हाथ बंटा रहे हैं. कई गांवों में सड़क टूटने की वजह से राहत-बचाव कार्य में देरी हो रही है. हेलीकॉप्टर से जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है. सोमवार को नौसेना का पोत 800 टन स्वच्छ पानी और और 18 टन खाद्य सामग्री लेकर मुंबई पहुंचा.
10 लाख बेघर
बाढ़ के बाद से 10 लाख से अधिक लोग राहत शिविर में रह रहे हैं. इसके लिए करीब 3300 राहत शिविर बनाए गए हैं. अब उन्हें वापस घरों में भेजने के लिए पानी कमने का इंतजार किया जा रहा है. इन 10 लाख लोगों के घर अभी भी पानी में डूबे हैं या घर टूट चुके हैं. खाने का सामान बर्बाद हो चुका है. सरकार के सामने पुनर्वास की चुनौती है. अधिकारियों ने बताया कि मलबा हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि घरों को रहने लायक बनाया जा सके.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि कई स्थानों पर जल स्तर कम होने के साथ ही लोगों ने अपने घर लौटना और सफाई अभियान शुरू कर दिया है. राज्य सरकार ने भी उन्हें सफाई की किट बांटने का फैसला किया है.