कोच्चि: केरल सोना तस्करी मामले (Kerala Gold Smuggling Case) में आतंकी संपर्कों की जांच कर रहे एनआईए ने एक विशेष अदालत में संकेत दिए कि उसे संबंधित रैकेट में माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम के गिरोह के शामिल होने का संदेह है.


एजेंसी ने कहा कि सोने की तस्करी से मिलने वाले मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी कृत्यों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी है. इसने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है.


एजेंसी ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया. हालांकि अदालत ने 10 आरोपियों को जमानत दे दी और तीन अन्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी.


विदेश राज्यमंत्री का बयान


NIA के दावे के बाद विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरण ने कहा है कि यह गंभीर मामला है. मुरलीधरण ने कहा, ''एनआईए ने कहा है कि केरल सोने की तस्करी के आरोपियों का दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से कनेक्शन है. यह एक गंभीर मसला है. मुझे यकीन है कि एनआईए और गृह मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई करेगा कि आरोपी के खिलाफ यूएपीए आरोपों की पुष्टि की जाए.''


बता दें कि सीमाशुल्क विभाग ने पांच जुलाई को 15 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था. इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), सीमा शुल्क विभाग और प्रवर्तन निदेशालय समेत केंद्रीय एजेंसियां इस मामले में अलग अलग जांच कर रही है.


एनआईए ने इस मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत सुरेश, सरित पीएस, संदीप नायर और फैजल फरीद सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सुरेश और सरित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी हैं।


मामला संयुक्त अरब अमीरात के तिरुवनंतपुरम स्थित वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी के नाम का इस्तेमाल कर राजनयिक सामान के जरिए सोने की तस्करी की कोशिश से जुड़ा है.