नई दिल्ली: इसी साल जुलाई महीने में हुए केरल स्मगलिंग कांड ने एक बार फिर लोगों की नींद उड़ा दी है क्योंकि मामले की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने इस मामले में किया है बड़ा खुलासा एनआईए का कहना है कि केरल सोना तस्करी कांड के तार कुख्यात माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से जुड़े हो सकते हैं. और इस मामले में शामिल दो आरोपियों की भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है एनआईए ने स्पष्ट तौर पर यह भी कहा है कि यह दोनों आरोपी तंजानिया और दुबई गए थे जो दाऊद के खास ठिकाने बताए जाते हैं.



एनआईए के एक आला अधिकारी के मुताबिक सोने की तस्करी में दाऊद पहले भी अपने हाथ आजमाता रहा है और अब सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से सोने के तस्कर और ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. ऐसे में हो सकता है कि दाऊद अपने पुराने धंधे को एक बार फिर जिंदा करना चाहता हो एनआईए को इस बात का भी शक है कि सोने तस्करी से होने वाले मुनाफे को भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है.


केरल का सोना तस्करी कांड इसी साल 5 जुलाई को उस समय सामने आया था जब तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग के अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर दुबई से आए एक डिप्लोमेटिक सामान की तलाशी ली सामान की तलाशी के दौरान 30 किलो से ज्यादा सोना बरामद हुआ और यह भी पता चला कि इस तरह की कई खेपे पहले भी लाई गई थी.


दिलचस्प यह है कि यह सोना घरेलू सामानों में प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं के बीच भरा हुआ था दुबई दूतावास ने इस मामले से खुद को दूर बताते हुए भारतीय जांच एजेंसियों को हर तरह से सहयोग करने की बात कही थी. इस मामले की जांच के दौरान केरल की राजनीति में बड़ा हंगामा हुआ क्योंकि केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री के कई करीबी अधिकारी इस मामले की जांच की आंच में आ गए. उनमें केरल के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आईएएस अधिकारी एम शिव शंकर का नाम भी शामिल था.


इस मामले की जांच एनआईए और ईडी समेत कई जांच एजेंसियों ने शुरू कर दी थी. अब तक की जांच के दौरान जांच एजेंसियों ने 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और अभी भी कई लोग एजेंसियों के निशाने पर हैं.


राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जांच के दौरान आई इस सूचना का इस्तेमाल इस मामले की आरोपियों की जमानत याचिका के खिलाफ किया है. साथ ही मामले की गहनता से जांच भी शुरू कर दी है. लेकिन यदि इस जांच में और ठोस तथ्य पाए गए तो एनआईए की धमाके की गूंज राजनीतिक गलियारों में दूर-दूर तक सुनाई देगी और इसकी जांच की आंच में और कहीं अहम लोग भी आ सकते हैं.