Kerala Government on Sabarimala Temple: सबरीमाला मंदिर में बच्चों और व्यस्कों के प्रवेश को लेकर केरल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केरल सरकार ने कहा है कि बच्चों को बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति है. हालांकि, व्यस्कों को मंदिर में एंट्री के लिए पूर्ण रूप से वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र या आरटीपीसीआर (RTPCR) निगेटिव प्रमाणपत्र होना जरूरी है और यह रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए. केरल सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सबरीमाला मंदिर में बच्चों के साथ आने वाले माता-पिता या व्यस्क को साबुन/सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करना होगा और वे बच्चों के स्वास्थ्य के मुद्दे के लिए जवाबदेह होंगे.
कोरोना गाइडलाइन्स के साथ केरल स्थित सबरीमाला मंदिर को 15 नवंबर को खोल दिया दिया गया था. सबरीमाला भगवान अय्यप्पा मंदिर को मंडला-मकरविल्लाक्कू तीर्थ सत्र के लिए फिर से खोला गया है. 15 नवंबर से शुरू यह तीर्थ सत्र अगले साल 19 जनवरी तक चलेगा. यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं. हालांकि, इस बार कोविड-19 के कारण सख्त नियमों के साथ हर दिन सिर्फ 1,000 तीर्थयात्रियों को ही मंदिर में एंट्री की अनुमति दी गई है.
मंदिर और आसपास की सुरक्षा बढ़ाई गई
मंदिर दर्शन के लिए व्यस्क भक्तों के पास कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है. साथ ही यह भी जोड़ा कि कोरोना की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी न हो. वहीं, सभी श्रद्धालु अपने पहचान पत्र जरूर साथ लाएं. मंडला-मकरविलक्कु उत्सव को देखते हुए सबरीमाला मंदिर और उसके आसपास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
बता दें कि सबरीमाला में प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर और कई दूसरे प्रमुख मंदिर इस साल मई में कोविड -19 के मामले बढ़ने कारण लगे लॉकडाउन के मद्देनजर भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे. राज्य में 1,200 से अधिक मंदिरों को मैनेज करने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) की ओर से जारी एक आदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान मंदिरों के परिसर में भक्तों को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी. हालांकि दैनिक अनुष्ठान जारी रहे थे.