ED समेत केन्द्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ केरल कैबिनेट ने न्यायिक जांच की सिफारिश का किया फैसला
वरिष्ठ सरकारी आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई के बताया, राज्य कैबिनेट में गोल्ड और डॉलर स्मग्लिंग से जुड़े मामलों की जांच को भटकाने के मामले में न्यायिक जांच की सिफारिश की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कुछ अधिकारियों के खिलाफ अपराध शाखा के प्राथमिकी दर्ज करने के कुछ दिनों बाद केरल में वाम मोर्चा सरकार ने ईडी समेत केन्द्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ न्यायिक जांच की सिफारिश करने का शुक्रवार को फैसला किया. ईडी सोना और डॉलर की तस्करी के मामलों की जांच कर रही है.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में डिजिटल तरीके से हुई मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के वी मोहन को आयोग का प्रमुख नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया. सरकार के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हालांकि, सरकार को इस मामले में चुनाव आयोग से मंजूरी का इंतजार है क्योंकि छह अप्रैल को राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू है.
सूत्रों ने बताया, ‘‘राज्य मंत्रिमंडल ने सोना और डॉलर तस्करी मामलों की जांच प्रभावित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ न्यायिक जांच की सिफारिश करने का फैसला किया है. चूंकि, वहां आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए चुनाव आयोग से अनुमति लेने के बाद ही आयोग का गठन किया जाएगा.’’ केरल सरकार के इस फैसले पर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि ईडी के खिलाफ न्यायिक जांच सदी का सबसे बड़ा मजाक है.
उन्होंने कोझिकोड में संवाददाताओं से कहा, “वे यही कर सकते हैं कि एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को राज्य के खजाने से वेतन दे सकते हैं. आज तक क्या किसी न्यायिक आयोग ने किसी को दोषी पाया है और उसे न्याय के कठघरे में लाया है? यह सरकार का अंतिम विकल्प होता है.” विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने सरकार के निर्णय का मजाक उड़ाया. कांग्रेस नेता ने कहा, “केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ न्यायिक जांच करने का राज्य सरकार का निर्णय एक मजाक है. इसे चुनाव के समय किया गया एक स्टंट समझा जाना चाहिए.”
चेन्निथला ने कहा, “केंद्रीय एजेंसियां सोने और डॉलर की तस्करी की जांच कर रही हैं और मुझे यह नहीं समझ में आता कि जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत न्यायिक जांच कैसे संभव है.” उन्होंने कहा कि यह दांव चुनाव के समय लोगों को मूर्ख बनाने के लिए खेला गया है.
यूएई वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश पिछले साल जुलाई में यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर कार्गो से राजनयिक सामान में 14.82 करोड़ रुपये का 30 किलोग्राम सोना की बरामदगी के मामले में दो अन्य लोगों के साथ मुख्य आरोपी हैं. सोना और डॉलर तस्करी मामले में ईडी के अलावा सीमा शुल्क और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) भी पूछताछ कर रही है.
सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और सरिथ पी एस डॉलर मामले में भी कथित रूप से शामिल हैं. अपराध शाखा ने इससे पहले मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ बयान देने के वास्ते सुरेश को कथित तौर पर मजबूर करने के लिए ईडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.