नए कृषि कानूनों पर भारी प्रदर्शन के बीच केरल सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए केन्द्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट का रूख करेगी. केरल के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार ने कहा- “हम इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. केरल में किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे और वैकल्पिक कानून पर विचार किया जाएगा. ”
![नए कृषि कानूनों पर भारी प्रदर्शन के बीच केरल सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम Kerala Government has decided to move to Supreme Court against the Centre Farm Laws this week amid farmers protest नए कृषि कानूनों पर भारी प्रदर्शन के बीच केरल सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/10150141/868035-kerala-cm.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
केन्द्र की तरफ से सितंबर के महीने में मॉनसून सत्र में पास कराए गए तीन कृषि संबंधी बिलों का भारी विरोध हो रहा है. एक तरफ पंजाब और हरियाणा से आए किसानों का सोमवार को आंदोलन का 12वां दिन है. वे सभी राजधानी दिल्ली और उसके बाद आसपास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए मंगलवार को भारत बंद बुलाया है. किसानों के इस भारत बंद को कांग्रेस और शिवसेना समेत देशभर की 13 से ज्यादा पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है.
दूसरी तरफ, कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए केन्द्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट का रूख करेगी. केरल के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार ने कहा- “हम इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. केरल में किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे और वैकल्पिक कानून पर विचार किया जाएगा. ”
Kerala Government has decided to move to Supreme Court against the Centre's Farm Laws
"We will move SC this week itself. The anti-farmer laws will not be implemented in Kerala and an alternative law will be considered," said Kerala Agriculture Minister VS Sunil Kumar — ANI (@ANI) December 7, 2020
केन्द्र ने इन तीनों कानूनों- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 को कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बताया. केन्द्र ने कहा कि इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को कहीं भी अपने उत्पादों को बेचने की छूट मिल जाएगी. सरकार ने कहा कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन किसानों की मांग के अनुरूप इसमें संशोधन को केन्द्र सहमत हुआ है. किसानों के साथ एक और दौर की बैठक 9 दिसंबर को होगी.
प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले. उन्हें नए कानूनों को ‘किसान-विरोधी’ करार दिया है. किसानों ने कहा कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा और बड़े कॉर्पोरेट के आगे उन्हें छोड़ दिया जाएगा. भारत बंद का कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, टीआरएस, आरजेडी, टीएमसी, डीएमके, एसपी, जेएमएम और आईएनएलडी समेत 13 दलों ने समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी मंगलवार को आईटीओ क्रॉसिंग के पास शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर देशव्यापी बंद कर समर्थन करेगी. दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा- भारत बंद कल पूरे दिन रहेगा. चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा. यह शांतिपूर्ण बंद होगा. हम इस पर अड़े हैं कि किसी भी राजनीति दलों के नेताओं को अपने मंच की इजाजत नहीं देंगे. इधर, एक अन्य किसान नेता निर्भय सिंह ने कहा- हमारा प्रदर्शन पंजाब तक ही सीमित नहीं होगा. दुनियाभर से यहां तक की कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो हमारा समर्थन कर रहे हैं. हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा. ये भी पढ़ें: Bharat Bandh: जानिए 'भारत बंद' का कितने दलों ने किया समर्थन, क्या रहेगा चालू और क्या होगा बंदट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)