नई दिल्ली में नए कृषि कानून के विरोध में बीते काफी समय से किसान समूह आंदोलन कर रहे हैं. जिसमें हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसान हिस्सा ले रहे हैं. अब केरल सरकार भी किसानों के समर्थन में उतरती दिख रही है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन शुरु से ही नए कृषि कानून पर अपना कड़ा रुख रखे हुए हैं. इसी क्रम में अब केरल सरकार नए कृषि कानून के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए तैयार है.
दाखिल होगी याचिका
दरअसल केरल के कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार का कहना है कि संसद ने विवादास्पद फार्म बिल पारित होने के बाद से ही केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इसके खिलाफ हैं. वहीं नए कृषि कानून के विरोध में अपना कड़ा रुख दोहराते हुए केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी.
कृषि कानून को बताया किसानों के खिलाफ
वी एस सुनील कुमार एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि 'नया कृषि कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं और केरल सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर लागू नहीं करेगी.' कुमार ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और इससे पैदा होने वाले परिणामों का सामना करने के लिए तैयार हैं. राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों में केंद्र का कोई दखल नहीं है."
बिचौलियों के खिलाफ कानूनः BJP
वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल केरल के एकमात्र नेता विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन का कहना है कि यह कदम राजनीतिक दावों के अलावा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि विधेयक "किसान विरोधी" नहीं बल्कि बिचौलियों के खिलाफ है.
इसे भी पढ़ेंः
कांग्रेस विधायक ने संबित पात्रा को भेजा कानूनी नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
किसानों के एक समूह ने मानी सरकार की बात, आंदोलन से पीछे हटने को हुए तैयार