'खुद नहीं आते CM, अधिकारियों को भी राजभवन आने से रोकते हैं', केरल के राज्यपाल का पिनाराई विजयन पर बड़ा आरोप
केरल के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर सरकारी अधिकारियों को उनसे मिलने से रोकने का आरोप लगाया है, क्योंकि उन्होंने पी वी अनवर की असहमति के बाद सामने आए कई आरोपों पर जवाब मांगा था.
Kerala Governor: केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सरकार के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर सरकारी अधिकारियों को उनसे मिलने से रोकने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री राजभवन नहीं आते हैं और वह मुख्य सचिव या डीजीपी को भी आने की अनुमति नहीं देते हैं.
राज्यपाल ने यह भी दावा किया कि पिनाराई ने लगभग एक महीने तक उनके पत्र का जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, "मैंने 10 सितंबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने मेरे पत्र को स्वीकार नहीं किया और न ही कोई जवाब दिया. 27 दिनों के बाद, 8 अक्टूबर को, उन्होंने केवल तब जवाब दिया जब मैंने मुख्य सचिव को तलब किया. यह कोई सामान्य प्रशासनिक मामला नहीं है, बल्कि एक गंभीर मुद्दा है."
सीएम विजयन क्या छिपाना चाह रहे हैं?
उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुख्यमंत्री के पास छिपाने के लिए कुछ था. राज्यपाल ने पूछा, "हम जानते हैं कि उनके अपने सचिव पी शशि सोने की तस्करी मामले में शामिल थे. अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो वह मेरी चिंताओं को स्वीकार करने से क्यों इनकार कर रहे हैं?"
सोने की तस्करी से क्या है लेना देना?
राज्यपाल खान ने मुख्यमंत्री की ओर से कथित तौर पर उन्हें भेजे गए स्पष्टीकरण पत्र की कॉपी पेश कीं. उन्होंने कहा कि पत्र विरोधाभासों से भरा हुआ है. खान ने कहा,"पहले पन्ने पर, मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्होंने मीडिया के सामने किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि का जिक्र नहीं किया. फिर भी, उसी पत्र में, उन्होंने सोने की तस्करी मामले को ऐसा रिफरेंस किया है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को खतरे में डालती है और यहां तक कि एक प्रेस ब्रीफिंग में इसे राष्ट्र के खिलाफ अपराध भी कहा है."
राज्यपाल ने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को देना उनका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि वह राज्य के अधिकारियों से जानकारी मांगकर मामले को आगे बढ़ाएंगे.
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