केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों पर चर्चा करने और उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वास्ते 31 दिसंबर को एक दिन के लिए विधानसभा सत्र को आहूत करने को सोमवार को अपनी मंजूरी दे दी. राजभवन सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि राज्यपाल ने सत्र के लिए मंजूरी दे दी है. कुछ दिन पहले माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने का एक नया प्रस्ताव भेजा था क्योंकि उससे पहले राज्यपाल ने ऐसी ही सिफारिश खारिज कर दी थी.
इस एक दिवसीय सत्र के लिए खान ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे और सरकार ने उन्हें स्पष्टीकरण दिये. विधानसभा सूत्रों के अनुसार 31 दिसंबर को सुबह 9 बजे सत्र शुरू होगा जो एक घंटे तक चलेगा. एक अप्रत्याशित कदम के तहत राज्यपाल ने 23 दिसंबर को विवादास्पद कानूनों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने इतना संक्षिप्त सत्र बुलाने की आपात स्थिति संबंधी उनके प्रश्न का उत्तर नहीं दिया.
विजयन को भेजे पत्र में राज्यपाल ने यह भी कहा कि सरकार ‘‘एक ऐसी समस्या पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाना चाहती है जिस पर आपको हल प्रदान करने का क्षेत्राधिकार नहीं है. विजयन ने मंगलवार को खान को जवाबी पत्र लिखा और यह कहते हुए उनके निर्णय को खेदजनक बताया कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे हैं तथा विधानसभा में प्रस्ताव लाने और चर्चा राज्यपाल की शक्तियों द्वारा संचालित नहीं हो सकती.
उसके बाद 24 दिसंबर को मंत्रिमंडल ने बैठक करके फिर सत्र बुलाने की सिफारिश की तथा कानून मंत्री ए के बालान एवं कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार शुक्रवार को राज्यपाल उनसे मिले. विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ने 8 जनवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र पर पारंपरिक नीतिगत उद्बोधनक के लिए निमंत्रण देने के लिए शनिवार को राज्यपाल से भेंट की. इस मौके पर 31 दिसंबर के सत्र संबंधित सिफारिश पर भी दोनों में चर्चा हुई.
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