केरल विधानसभा में घमासान: राज्यपाल ने मजबूरी में पढ़ा CAA के खिलाफ राज्य सरकार का भाषण, सफाई भी दी
राज्यपाल ने कहा- सीएम ने कहा है कि यह सरकार का दृष्टिकोण है. इसलिए मैं उनकी इच्छा का सम्मान करने के लिए इस पैरा को पढ़ने जा रहा हूं.यूडीएफ के विधायकों ने राज्यपाल को विधानसभा में ‘वापस जाओ’ और ‘सीएए रद्द करो’ के बैनर दिखाए.
तिरुवनन्तपुरम: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ सड़कों पर तो प्रदर्शन हो ही रहे हैं, अब इस कानून को लेकर विधानसभा में भी घमासान हो रहा है. मामला केरल विधानसभा है, जहां कुछ दिन पहले पिनाराई विजयन सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था. आज बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के संबोधन को लेकर विवाद हो गया.
सीएए पर राज्यपाल और सरकार के बीच तल्खी जारी
दरअसल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पी विजयन सरकार के बीच सीएए को लेकर काफी दिनों से तल्खी जारी है. आज केरल विधानसभा में बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का जोरदार विरोध हुआ. केरल में विपक्षी दल यूडीएफ के विधायकों ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विधानसभा में उस समय ‘वापस जाओ’ और ‘सीएए रद्द करो’ के बैनर दिखाए जब वह अपने नीति संबोधन के लिए आसन की ओर बढ़ रहे थे. इसके बाद विधानसभा के मार्शलों ने राज्यपाल के लिए रास्ता बनाया और उन्हें उनकी सीट तक ले गए. बाद में जब राज्यपाल का संबोधन शुरू हुआ तो यूडीएफ के विधायक सदन छोड़कर चले गए.
सीएए के खिलाफ बोलने से पहले राज्यपाल ने दी सफाईThiruvananthapuram: United Democratic Front (UDF) MLAs stage a walk-out from the assembly as Kerala Governor Arif Mohammad Khan begins his address. https://t.co/ohQS12yVQr pic.twitter.com/sqE05PSQtS
— ANI (@ANI) January 29, 2020
हालांकि जैसे-तैसे राज्यपाल का संबोधन शुरू हुआ. दिलचस्प बात यह है कि सीएए का समर्थन कर रहे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संबोधन में सीएए के खिलाफ बोला. इससे पहले राज्यपाल ने साफ किया, ‘’मैं इस पैराग्राफ (सीएए के खिलाफ) को पढ़ने जा रहा हूं, क्योंकि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मैं इसे पढ़ूं. हालांकि मेरा मानना है कि यह पॉलिसी या प्रोग्राम के तहत नहीं है. सीएम ने कहा है कि यह सरकार का दृष्टिकोण है. इसलिए मैं उनकी इच्छा का सम्मान करने के लिए इस पैरा को पढ़ने जा रहा हूं.’’
क्या है विवाद का कारण? बता दें कि केरल सीएए के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने वाला और नये कानून को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाला पहला राज्य है. राज्यपाल ने पिछले दिनों कहा था कि कामकाज के नियम की धारा 34(2) की उपधारा 5 के तहत प्रदेश सरकार को राज्य और केंद्र के रिश्तों को प्रभावित करने वालों की जानकारी राज्यपाल को देनी चाहिए. गौरतलब है कि केरल सरकार की तरफ से दायर याचिका में नए नागरिकता संशोधन कानून को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया गया है. यह भी पढ़ें- प्रवेश वर्मा ने सीएम केजरीवाल को बताया आतंकवादी, कहा- बहन और बेटी को बचाना है तो उन्हें भगाना होगा कामरा विवाद पर सियासत गर्म: IndiGo-Air India ने किया बैन, कांग्रेस बोली- अर्नब ने अपनी ही दवा का स्वाद चखा#WATCH Kerala Governor in state assembly: I'm going to read this para (against CAA) because CM wants me to read this, although I hold the view this doesn't come under policy or programme. CM has said this is the view of government, & to honor his wish I'm going to read this para. pic.twitter.com/ciCLwKac3t
— ANI (@ANI) January 29, 2020