नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ एक तरफ केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की तरफ से जारी किया गया विज्ञापन है. तो दूसरी तरफ हैं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमम्द खान जो मुख्यमंत्री के इस विज्ञापन पर विरोध जता रहे हैं. राज्यपाल का एतराज इस बात से है कि केरल की सरकार ने विज्ञापन दिया. अगर ये विज्ञापन किसी पार्टी ने दिया होता तो वो संविधान के खिलाफ नहीं होता.


केरल सरकार ने 10 जनवरी को तीन राष्ट्रीय अखबारों के पहले पन्ने पर नागरिकता कानून के विरोध में विज्ञापन दिया था.


इस विज्ञापन में लिखा था, ''राज्य संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने की कोशिशों का नेतृत्व कर रहा है और केरल विधानसभा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाली पहली विधानसभा है.''


विज्ञापन में आगे लिखा था, ''राज्य ने लोगों की चिंताओं के मद्देनजर साहसिक कदम उठाए गए हैं, और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) अभियान को रोक दिया है जिससे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) बनेगा.''