Kerala News: केंद्र सरकार ने केरल के वित्तीय संकट के लिए सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. केंद्र ने सोमवार (13 नवंबर) को आरोप लगाया कि राज्य के वित्तीय संकट के लिए केंद्र की नीतियां नहीं, बल्कि केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी प्रशासन की फिजूलखर्ची जिम्मेदार है.


केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने पूछा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन मूर्ख हैं क्या या इस मुद्दे पर जनता को गुमराह करने के लिए मूर्ख बन रहे हैं. मुरलीधरन ने दावा किया कि सीएम और राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल हमेशा केंद्र की ओर से जारी नहीं किए गए फंड के अलग-अलग आंकड़े बताते हैं.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुरलीधरन ने आगे कहा कि केरल के सीएम को देश के कानूनों की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में भी पता होना चाहिए.


गौरतलब है कि विदेश राज्य मंत्रीकी प्रतिक्रिया केरल के वित्तमंत्री बालगोपाल के उस बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने वित्तीय मामलों में केरल और अन्य विपक्षी शासित राज्यों को लेकर केंद्र पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था.


वी मुरलीधरन ने दिया आरोपों का जवाब
वामपंथी सरकार पर पलटवार करते हुए मुरलीधरन ने दावा किया कि कल्याण पेंशन में केंद्र की हिस्सेदारी सहित विभिन्न आवंटन और अनुदान, केरल को पहले ही दिया जा चुका है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर राज्य वित्तीय संकट में था तो उसने कल्याण पेंशन की अगली किस्त के लिए अनुरोध क्यों नहीं किया.


राज्य मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि वेतन सुधार के लिए यूजीसी से मिलने वाले लगभग 750 करोड़ रुपये जैसे कुछ अनुदान राज्य प्रशासन के कुप्रबंधन के कारण नहीं दिए गए. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने कई ग्रांट के लिए समय पर अनुरोध नहीं भेजा.


'टैक्स कलेक्ट करने में नाकाम राज्य सरकार'
मुरलीधरन ने कहा कि कैपिटल इंवेस्टमेंट के लिए मिलने वाले 1,925 करोड़ रुपये भी राज्य को नहीं दिए गए क्योंकि उसने अभी तक मैंडेटरी कंप्लायंस रिपोर्ट जमा नहीं की है. उन्होंने यह भी दावा किया कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट के अनुसार केरल 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स कलेक्ट  करने में भी विफल रहा है.


केरल के वित्त मंत्री बालगोपाल ने केंद्र पर लगाया आरोप
गौरतलब है कि बालगोपाल ने रविवार (12 नवंबर) को केरल के कोल्लम में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित केंद्र वित्तीय मामलों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव कर रहा है. इस भेदभाव का सबसे ज्यादा नुकसान केरल को हो रहा है. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ कानूनी उपाय तलाश ने की बात भी कही.  


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