Kerala Election Results 2021: राज्य में हर पांच साल बाद सरकार बदलने का ट्रेंड, जानें कैसे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बनाया रिकॉर्ड
Kerala Election Results 2021: चुनाव में एलडीएफ बड़ी जीत की ओर बढ़ते दिख रही है. एलडीएफ 140 सीटों की विधानसभा में 100 का आंकड़ा छू रही है. आईये समझते हैं कैसे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्रेंड को बदलकर नया रिकॉर्ड कायम किया है.
केरल विधानसभा चुनाव में लेफ्ट यानी एलडीएफ एक बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है. यहां तक कि एलडीएफ 140 सीटों की विधानसभा में 100 का आंकड़ा छूती दिख रही है. केरल में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस ट्रेंड को बदलकर नया रिकॉर्ड कायम किया है.
आखिर क्या कारण है कि केरल के लोगों ने दोबारा पिनराई को चुना?
1- राज्य में निगाह वायरस का कहर हो या फिर दो बार आई बाढ़. या इस वक्त की कोरोना महामारी? हर चुनौती से लड़ने में लेफ्ट की सरकार कामयाब रही. जमीन पर उनका काम भी दिखा. लोगों तक राशन और हर तरह की मदद पहुंचाई गई. कोरोना काल में जब लॉकडाउन रहा और लोग काम पर नहीं जा पाए तब भी उनके घर बैठे सरकार ने मदद पहुंचाई. इसका फायदा पिनराई विजयन को राज्य भर में हुआ.
2- केरल एक ऐसा राज्य है जहां हिंदू, मुसलमान और ईसाइयों की संख्या लगभग एक बराबर है. ऐसे में यहां लोगों की एकता खूब देखी जाती है. हर त्यौहार लोग एक साथ मनाते है. बीजेपी का यहां ध्रुवीकरण वाला कार्ड काम नहीं कर पाया. लोगों ने ध्रुवीकरण के खिलाफ खड़े होकर बकायदा एक तरफा वोट डाले ताकि राज्य में तीसरी पार्टी की एंट्री को रोक सकें.
3- कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी भी एक बड़ी वजह कह सकते हैं. जहां यूडीएफ (कांग्रेस नीत गठबंधन) के भीतर कई गुट और अंदरूनी लड़ाई देखी गई. परदे के पीछे कई ऐसे गुट है जो एक दूसरे के खिलाफ काम करते रहें.
4- केरल में मोदी से ज्यादा राहुल गांधी को पसंद किया जाता है. यहीं कारण है कि 2019 लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी को पीएम बनाने के लिए केरल के लोगों ने कांग्रेस को एक तरफा वोट किया था. लेकिन राज्य के विधानसभा चुनाव में लोगों ने लेफ्ट के काम को ज्यादा पसंद किया.
5- राहुल गांधी के वायनाड से सांसद होने के बावजूद केरल में कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पाई. यहां तक कि वायनाड की खुद की सीट पर भी 7 में से 4 सीटें जीत पाई. 3 सीटें लेफ्ट के खाते में गई है. इसकी अहम वजह लोगों की नाराज़गी दिखी. सांसद होने के बाद लोगों तक राहुल का कनेक्ट काम देखा गया. ऐसे में यहां भी लोगों ने विधानसभा चुनाव के लिए एलडीएफ को चुना. जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान वायनाड से राहुल ने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी.
6- सबरीमाला के मुद्दे को भी बीजेपी ने जम कर उठाया, यहां तक कि कांग्रेस ने भी लेफ्ट को खूब घेरने की कोशिश की. लेकिन यह कोशिश नाकाम रही. ऐन मौके पर पिनराई विजयन ने सबरीमाला पर अपना रुख नरम कर दिया था.
7- केरल के लोगों ने वोट डिवाइड होने नहीं दिया और पिनराई विजयन के काम को खूब सराहा.