Kerala HC: साजी चेरियन के खिलाफ दायर याचिका को केरल हाईकोर्ट ने किया खारिज, संविधान के खिलाफ की थी विवादित टिप्पणी
Saji Cherian: केरल के सीपीएम नेता साजी चेरियन ने देश के संविधान पर विवादित टिप्पणी के बाद 6 जुलाई को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
High Court Of Kerala: केरल उच्च न्यायालय ने संविधान के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री साजी चेरियन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग वाली दो याचिकाएं गुरुवार को खारिज कर दी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चेली की बेंच ने पारित किया. चुनाव आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता दीपू लाल मोहन ने दोनों याचिकाओं को खारिज किए जाने की पुष्टि की.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता साजी चेरियन ने कुछ समय पहले संविधान को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफे दे दिया था. उन्होंने कहा था कि देश का संविधान शोषण की अनदेखी करता है और इसे इस रूप में लिखा गया है कि यह देश के लोगों को लूटने में मदद करता है.
पांच साल के लिए अयोग्य माना जाए
इन दोनों याचिकाओं में दावा किया गया था कि चेरियन ने टिप्पणी से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा नौ का उल्लंघन किया है. इसलिए उनको अयोग्य करार दिया जाना चाहिए.
इस धारा में कहा गया है कि भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के तहत आने वाले कार्यालय में रहते हुए भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के आरोप में बर्खास्त किया जाएगा और पांच साल की अवधि के लिए अयोग्य माना जाएगा.
साजी चेरियन पर विवादास्पद भाषण का आरोप
याचिकाओं में यह भी आरोप लगाया गया था कि चेरियन ने संविधान के अनुच्छेद 173(ए) और 188 का उल्लंघन किया और उनके विवादास्पद भाषण के संबंध में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत एक मामला भी दर्ज किया गया था.
विवादित बयान के बाद साजी चेरियन दिया था इस्तीफा
चेरियन के भाषण को लेकर केरल में सियासी विवाद शुरू हो गया था. उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के बाद केरल विधानसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी थी. इसके बाद चेरियन ने 6 जुलाई को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
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