Bharat Jodo Yatra: केरल हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को मंगलवार (27 सितंबर) को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार और पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि भारत जोड़ो यात्रा की दौरान सड़क पर ट्रैफिक जाम ना हो.


चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चाली की पीठ ने जनहित याचिका तब खारिज कर दी, जब केरल सरकार ने कहा कि पदयात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है और जहां कोई भी अवैध गतिविधि पाई गई है, वहां कार्रवाई की गई है.


राज्य की दलीलों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट कहा कि याचिकाकर्ता अपने आरोप को साबित करने में असमर्थ हैं कि यात्रा ट्रैफिक जाम का कारण बन रही है. केरल सरकार ने पीठ को यह भी बताया कि पुलिस ने भारत जोड़ो यात्रा के आयोजकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि यह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.


वकील विजयन द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कांग्रेस नेता एवं वायनाड के सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही यात्रा केवल आधी सड़क पर ले जाई जाए और रोड के बाकी हिस्से को वाहनों के मुक्त आवागमन के लिए छोड़ दिया जाए.


भारत जोड़ो यात्रा क्या है


भारत जोड़ो यात्रा के नियमन के अलावा जनहित याचिका में यात्रा मार्ग पर भारी पुलिस बल की तैनाती में हो रहे खर्च की वसूली कांग्रेस से किए जाने का निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया था. कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यह यात्रा 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करके कश्मीर में समाप्त होगी.


इसमें कांग्रेस, राहुल गांधी, केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) अध्यक्ष के सुधाकरन और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन को भी पक्षकार बनाया गया था. इसमें आरोप लगाया था कि कांग्रेस के तीन नेताओं के मन में ‘‘केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए कानून और अदालत द्वारा निर्धारित कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है.’’


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