केरल हाईकोर्ट में पहली बार यू-ट्यूब पर हुई सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग, सबरीमाला से जुड़ा था मामला
Kerala High Court: दरअसल याचिकाकर्ताओं में वो शख्स भी शामिल हैं, जिन्होंने ये दावा किया है कि वो त्रावणकोर देवासम बोर्ड की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार सबसे योग्य पुजारी है.
सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक अब कोर्ट रूम में होने वाली कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर जोर दे रहे हैं. लोगों तक कोर्ट की सीधी पहुंच के लिए ऐसा किया जा रहा है. इससे कोर्ट के मामलों में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को भी फायदा होता है, वहीं ट्रांसपेरेंसी भी रहती है. अब केरल हाईकोर्ट में भी लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत हो चुकी है. केरल हाईकोर्ट ने शनिवार 3 दिसंबर को पहली बार यू-ट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग की.
दरअसल शनिवार को केरल हाईकोर्ट की बेंच ने एक स्पेशल सुनवाई की, क्योंकि आमतौर पर शनिवार को मामले नहीं सुने जाते हैं. इस मामले में त्रावणकोर देवासम बोर्ड की तरफ से जारी हुए नोटिफिकेशन की संवैधैनिक वैधता को चुनौती दी गई थी. इस नोटिफिकेशन में बोर्ड ने सबरीमाला और मलिकापुरम मंदिरों के मुख्य पुजारी के लिए आवेदन मांगे थे.
चीफ जस्टिस के सामने रखा गया था मामला
इस मामले में कई याचिकाकर्ता शामिल हैं, इनमें से एक याचिकाकर्ता सिजिथ टीएल ने त्रावणकोर देवासम बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाए थे. चीफ जस्टिस के सामने इस मामले को रखा गया. जिसके बाद जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजित कुमार की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. साथ ही इस मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग भी शुरू की गई. ये पहला मामला था जब केरल हाईकोर्ट में किसी मामले की लाइव स्ट्रीमिंग हुई हो.
क्यों दायर हुई थी याचिका?
दरअसल याचिकाकर्ताओं में वो शख्स भी शामिल हैं, जिन्होंने ये दावा किया है कि वो त्रावणकोर देवासम बोर्ड की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार सबसे योग्य पुजारी हैं. हालांकि वो बोर्ड की इस शर्त पर खरे नहीं उतरते हैं कि केरल में पैदा हुए मलयाल ब्राह्मण को ही आवेदन का मौका दिया जाएगा. यही वजह है कि उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है. याचिकाकर्ता ने खुद कोर्ट से ये मांग की थी कि इस मामले की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए. अब मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगा.