केरल हाईकोर्ट ने एक्टर और डायरेक्टर बालचंद्र मेनन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पुरुषों की भी गरिमा होती है. उन पर जो मामला दर्ज है वह साल 2007 से जुड़ा है, लेकिन केस अब किया गया. उन पर एक फिल्म के शूट के दौरान एक एक्ट्रेस के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में शीलभंग का मामला दर्ज किया गया था. बुधवार (11 दिसंबर, 2024) को कोर्ट ने बालचंद्र मेनन को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि सिर्फ महिलाओं की नहीं, बल्कि पुरुषों का भी गरिमा होती है.
जस्टिस पी वी कुन्हीकृष्णन मामले की सुनवाई कर रहे थे. जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद इस साल सितंबर में बालचंद्र मेनन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. बालचंद्र मेनन ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि शिकायत 2007 में कथित घटना की तारीख से 17 साल बाद की गई और ऐसा करने का मकसद सिर्फ उनकी छवि खराब करना है.
हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी दलीलों में दम है क्योंकि यह स्वीकार्य तथ्य है कि कथित घटना 2007 में हुई थी. कोर्ट ने कहा, 'यह एक स्वीकृत तथ्य है कि पीड़िता ने कथित घटना के 17 साल बाद शिकायत दर्ज कराई. यह फेक्ट स्वीकार करने लायक है कि याचिकाकर्ता (मेनन) एक प्रसिद्ध सिने कलाकार हैं. उन्होंने लगभग 40 फिल्मों का निर्देशन किया और उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिले. उन्हें राष्ट्र द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया.'
जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा, 'मौजूदा मामला एक महिला के बयान के आधार पर और वह भी 17 साल बाद दर्ज किया गया है. यह सच है कि जांच जारी है, लेकिन सभी को यह याद रखना चाहिए कि गरिमा सिर्फ महिलाओं की ही नहीं, बल्कि पुरुषों की भी होती है.’ हाईकोर्ट ने कहा कि यह न्याय के हित में याचिकाकर्ता को जमानत देने का उपयुक्त मामला है.
हाईकोर्ट ने बालचंद्र मेनन को पूछताछ के लिए बुधवार से दो सप्ताह के अंदर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा, 'पूछताछ के बाद अगर जांच अधिकारी याचिकाकर्ता (बांलचंद्र मेनन) को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव रखता है, तो उन्हें गिरफ्तार करने वाले संबंधित अधिकारी की संतुष्टि के लिए अभिनेता को 50,000 रुपये के मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाएगा.' केरल हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि बालचंद्र मेनन जरूरत पड़ने पर पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होंगे, जांच में सहयोग करेंगे और मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे...'
यह भी पढ़ें:-
ओडिशा: रेप का आरोपी जेल से जमानत पर निकला और पीड़िता की हत्या कर शव के टुकड़े सड़कों पर फेंके