केरल हाई कोर्ट ने राजद्रोह के मामले में फिल्ममेकर और एक्ट्रेस आएशा सुल्ताना की अग्रिम जमानत की अर्जी मंजूर कर दी है. आएशा ने हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान लक्षद्वीप में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने यहां प्रशासक के तौर पर प्रफुल्ल पटेल की तैनाती की है. वो यहां पर आलोकतंत्रिक और जनविरोधी नीतियां लागू कर रहे हैं. उनकी ये नीतियां 'बायो वेपन' की तरह खतरनाक साबित हो रही हैं और इनके चलते लक्षद्वीप में रोजाना कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. 


आएशा सुल्ताना के बयान के बाद भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की और लक्षद्वीप के भाजपा अध्यक्ष सी अब्दुल खादर हाजी ने कवारट्टी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. अब्दुल खादर हाजी ने अपनी इस शिकायत में आरोप लगाया कि आएशा का बयान राष्ट्रविरोधी है और इस से केंद्र सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है. जिसके बाद पुलिस ने आएशा पर धारा 124 ए (राजद्रोह) और 153 बी (अभद्र भाषा) के तहत केस दर्ज किया गया था. 


कौन है आएशा सुल्ताना 


लक्षद्वीप के चेटियाथ द्वीप की रहने वाली आएशा सुल्ताना फिल्म मेकर और एक्ट्रेस होने के साथ साथ एक सोशल एक्टिविस्ट भी हैं. उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कई डायरेक्टर्स के साथ काम किया है. मलयालम फिल्म 'केटोयोलानु एंते मालाखा' में उन्होंने एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था. फेसबुक पर आएशा के 11 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं.


क्या है पूरा मामला 


दरअसल एक टीवी डिबेट के दौरान आएशा ने लक्षद्वीप में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि, "लक्षद्वीप में अभी तक कोरोना का एक भी केस नहीं था, लेकिन अब रोजाना लगभग 100 मामले सामने आ रहे हैं. मेरा मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रशासक के तौर पर नियुक्त प्रफुल्ल पटेल यहां लगातार अलोकतांत्रिक और जनविरोधी नीतियों को लागू कर रहे हैं. उनकी ये नीतियां राज्य में बायो-वेपन की तरह काम कर रही और इनके चलते यहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं."


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