Kerala High Court On Sabarimala Airport : केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार (25 अप्रैल) को राज्य सरकार को कोट्टयम जिले में सबरीमला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना के संबंध में दो महीने तक कोई और कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया.
यह अंतरिम निर्देश न्यायमूर्ति विजू अब्राहम ने दिया. केरल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार और हवाईअड्डा परियोजना से जुड़े बाकी अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए और भूमि अधिग्रहण अधिसूचना को चुनौती देने वाले धर्मार्थ ट्रस्ट और उसके प्रबंध ट्रस्टी की याचिका पर उनका रुख जानना चाहा.
केरल हाईकोर्ट ने क्या दिया आदेश?
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में कहा- रिट याचिका पर विचार होने तक एक अंतरिम आदेश रहेगा, जिसमें आधिकारिक प्रतिवादियों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 11(1) के तहत जारी अधिग्रहण अधिसूचना के आधार पर कम से कम कम दो महीने तक कोई कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया जाएगा.
कोर्ट ने ट्रस्ट की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली और उसे व सरकार को संपत्ति के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया. अयाना चैरिटेबल ट्रस्ट और उसके प्रबंध ट्रस्टी सिनी पुन्नोज ने संयुक्त याचिका में आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का उद्देश्य उनकी संपत्ति (लगभग 2,263 एकड़ का रबर बागान) पर अवैध रूप से कब्जा करना है. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संबंधित पक्षों से हलफ़नामा दाख़िल करने को कहा है.
क्या कहना है सबरीमाला मंदिर ट्रस्ट का?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंदिर ट्रस्ट ने दावा किया कि राज्य सरकार 2005 में भूमि अधिग्रहण के बाद से ही ‘उसकी संपत्ति हड़पने’ का प्रयास कर रही है. ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल और अधिवक्ता ऋषिकेश हरिदास व धीरज फिलिप ने किया, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने फरवरी में राज्य विधानसभा को बताया था कि परियोजना के लिए सुरक्षा मंजूरी का आवेदन गृह मंत्रालय के विचाराधीन है.