Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ दर्ज मामला रद्द कर दिया है. दरअसल, ये मामला साल 2013 का है जब पुलिस ने सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कर लिया था कि उसे जब एक आरोपी की पहचान कराने के लिए थाने बुलाया गया था तब वो शराब के नशे में था. 


केरल हाई कोर्ट ने मामले पर कहा कि, शराब की महज गंध आने से यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि व्यक्ति नशे में है. न्यायमूर्ति सोफी थॉमस ने 38 वर्षीय सलीम कुमार के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का आदेश दिया और कहा कि अन्य लोगों को परेशान किये बगैर निजी स्थान पर शराब पीना किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा.


पुलिस ने आरोप लगाते हुए दर्ज किया था मामला


अदालत ने 10 नवंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘शराब की महज गंध आने से यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि व्यक्ति नशे में है या उस पर शराब का नशा छाया हुआ है.’’ अदालत एक ग्राम सहायक कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने उसके खिलाफ 2013 में पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. पुलिस ने कुमार के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया था कि जब उसे एक आरोपी की पहचान करने के लिए पुलिस थाने बुलाया गया, तब वह शराब के नशे में था.


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