Kerala High Court: केरल उच्च न्यायालय ने वन अधिकारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. न्यायालय ने अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के एक सदस्य को आपराधिक मामले में फंसाने और उस पर हमला करने के आरोपी कई वन अधिकारियों की गिरफ्तारी पर दो महीने की रोक लगा दी है.


न्यायालय में जज कौसर एडप्पागथ ने वन अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. उन्होंने यह उल्लेख करते हुए अधिकारियों को संरक्षण प्रदान किया कि संबंधित व्यक्ति ने लोअर कोर्ट में पेश किए जाने पर मारपीट आदि आरोपों का कभी जिक्र नहीं किया. 


अगली तारीख तक नहीं किया जाएगा गिरफ्तार 
उच्च न्यायालय ने शनिवार (24 दिसंबर) को अपने आदेश में कहा, 'जब उक्त अपराध के संबंध में वास्तविक शिकायतकर्ता को अदालत में पेश किया गया था तो किसी भी हमले का कोई आरोप नहीं था. इन सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, यह आदेश दिया जाए कि याचिकाकर्ताओं को अगली तारीख तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, जो दो महीने बाद है.' 


ऑटो रिक्शा में मांस ले जाते समय किया गया था गिरफ्तार
यह आदेश इडुक्की के अधिकारियों की ओर से दायर संयुक्त याचिका पर आया है, जिन्होंने शिकायतकर्ता को सितंबर में एक जंगली जानवर का लगभग दो किलोग्राम मांस रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन्होंने उसे ऑटो रिक्शा में मांस ले जाते समय गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने अपनी याचिका में दावा किया था कि शिकायतकर्ता ने खुद के पकड़े जाने का बदला लेने के लिए उनके खिलाफ शिकायत की है. 


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