Kerala High Court On Women's Body: केरल हाईकोर्ट से न्यूडिटी केस में बरी होने के बाद महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा ने अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा, जब मैंने वह पेंटिंग शेयर की तो लोगों को लगा कि मैंने यह काम अपनी यौन इच्छाओं की पूर्ती के लिए किया है जोकि सच नहीं है. मैंने यह काम सिर्फ और सिर्फ महिला शरीर को न्यूडिटी और अश्लील नहीं माने जाने को लेकर किया है.


केरल हाईकोर्ट को उनके हक में फैसले के बाद रेहाना मीडिया के सामने आईं और उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में अपना पूरा पक्ष रखा. उन्होंने कहा, मैं मेरे किशोर बच्चों को यह बताना चाहती थी कि महिला के शरीर को न्यूडिटी और अश्लीलता के खांचे में रखकर नहीं देखना चाहिए, और इस आधार पर उनके साथ कोई भेदभाव भी नहीं करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, सिर्फ एक महिला को अपने शरीर पर नियंत्रण का अधिकार है और उसके लिए किसी भी महिला को झिझकना नहीं चाहिए और न ही शर्मिंदा होना चाहिए. 


बरी होने के बाद क्या रहा फातिमा के बच्चों का रिएक्शन?
रेहाना फातिमा ने बच्चों के उनके शरीर पर पेंटिंग बनाने को लेकर उनको जेल भेजे जाने पर कहा, उनके बच्चों को यह बात बिल्कुल भी समझ नहीं आई कि उन्होंने अपनी मां के शरीर पर एक पेंटिंग बनई और महज इस बात के लिए उनकी मां को 15 दिन जेल में रहना पड़ा. रेहाना ने आगे कहा, हालांकि अदालत के फैसले से उनके बच्चे खुश हैं, और वह आने वाले दिनों में आगे भी महिला अधिकारों के लिए काम करती रहेंगी. 


रेहाना को बरी करते हुए क्या बोला था केरल हाईकोर्ट?
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार (5 जून) को रेहाना फातिमा को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि हर बार न्यूडिटी को अश्लीलता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, ये दोनों अलग-अलग हैं. जस्टिस कौसर एडप्पागथ की पीठ ने मानव शरीर की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए कहा, हमारे समाज में पुरुष के नग्न शरीर और उसकी स्वतंत्रता पर शायद ही कभी सवाल उठाया जाता है, लेकिन महिलाओं के शरीर की स्वतंत्रता हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही है, और उनके साथ इस मामले में भेदभाव किया जाता रहा है. 


बेंच ने कहा, एक मां को अपने ही बच्चे से अपने शरीर पर पेंटिंग करवाने को यौन अपराध नहीं करार दिया जा सकता है, और न ही यह कह जा सकता है कि उसने यह सब अपनी यौन संतुष्टि को पूरा करने के लिए किया है. इस वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे अश्लील कहा जा सके, यह महज एक कलात्मक अभिव्यक्ति है जिसमें महिला अपने शरीर को अश्लील नहीं बनाए जाने को लेकर अपनी बात रखने का प्रयास कर रही है.


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