कोच्चि: केरल के इडुक्की जिले में तीन दिन पहले हुए भूस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है. रविवार को भूस्खलन के बाद क्षतिग्रस्त हुए मकानों के मलबे से 16 लोगों के शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 42 हो गई.


इडुक्की में भूस्खलन की वजह से चाय बागान कर्मियों के 20 मकान नष्ट हो गए. अधिकारियों ने कहा, ‘‘राजामाला के निकट पेट्टिमुडी में विनाशकारी भूस्खलनों के कारण मकानों के तबाह हो जाने के तीन दिन बाद प्राधिकारियों ने मलबे के नीचे दबे लोगों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों की मदद लेने का फैसला किया.’’ सरकार के अनुसार, जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ, वहां 78 लोग रह रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि लोगों को खोजने के प्रयास जारी हैं.


इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इडुक्की, मलाप्पुरम और वायनाड जिलों के लिए रविवार को रेड अलर्ट घोषित किया है. केरल में मूसलाधार बारिश, भूस्खलनों और बांध के फाटक खुले जाने से नदियों में जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कोट्टायम और अलप्पुझा के निचले इलाकों में रह रहे लोगों के घरों में पानी घुस जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.


केरल की इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया. उन्होंने मुआवजे की घोषणा की है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''इडुक्की में भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान से आहत हूं. दु:ख की इस घड़ी में, मेरे विचार शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. घायल जल्दी ठीक हों इसकी कामना करते हैं. एनडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारी काम कर रहे हैं, प्रभावितों को सहायता पहुंचाया जा रहा है.''


पीएमओ ने मुआवजे की घोषणा की. भूस्खलन की घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों के लिए 50,000 रुपये के आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है.


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