Kerala News: मदरसा शिक्षक की हत्या मामले में केरल कोर्ट ने आरएसएस के तीन नेताओं को किया बरी
Madrasa Teacher Murde Case: साल 2017 में कासरगोड जिले में मदरसा शिक्षक के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी गई थी. जिन आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया वो सभी आरएसएस से जुड़े हुए थे.
Riyas Moulavi Murde Case: केरल के कासरगोड जिला अदालत ने शनिवार (30 मार्च) को 2017 में हुए मदरसा शिक्षक रियास मौलवी की हत्या के सभी तीन आरोपियों को बरी कर दिया. इन आरोपियों का नाम अजेश, नितिन कुमार और अखिलेश है, जो केलुगुडे निवासी हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे.
कासरगोड जिले के पझाया चूरी मदरसा में 20 मार्च 2017 को शिक्षक रियास मौलवी (27 साल) की हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने कथित तौर पर उनके कमरे में घुसकर उनकी हत्या की थी. वह मूल रूप से कर्नाटक के कोडागु जिले के रहने वाले थे.
हाई कोर्ट जाने की बात कई गई
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी वकील शुक्कूर ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि आरोपियों को सजा मिलेगी. हम फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे.” इस मामले में जिन आरोपियों को जमानत नहीं मिली थी वे अब तक न्यायिक हिरासत में थे. इस केस के सिलसिले में कई लोगों ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. इस मामले की सुनवाई दो महीने पहले पूरी कर ली गई थी और 30 मार्च 2024 को फैसला सुनाया गया.
इस धाराओं में दर्ज किया गया था केस
लाइव लॉ के अनुसार इस हत्या के मामले में उस समय पुलिस ने 19 वर्षीय नितिन, 20 वर्षीय अजेश और 25 वर्षीय अखिलेश के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया थे. पुलिस ने तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 449 (घर में अतिक्रमण), धारा 302 (हत्या), धारा 153ए (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 295 (पूजा स्थल को अपवित्र करना), धारा 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत अंतिम रिपोर्ट दर्ज की थी.
पुलिस की ओर से कहा गया था कि मदरसा शिक्षक रियास मौलवी ने घर का दरवाजा खोला तो आरोपियों ने उस पर कई बार चाकू से हमला किया और उसे वहीं छोड़कर भाग गए. इस हत्या के अगले दिन 21 मार्च 2017 को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने हड़ताल का आह्वान किया था. हत्या के तीन दिन बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़ा था.
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