Kerala: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य की सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए हैं कि वो दहेज की कुप्रथा के खिलाफ आगे आए. उन्होंने कहा कि सभी यूनिवर्सिटी को इस तरह के सिस्टम की शुरुआत करनी होगी, जिसमें डिग्री लेने से पहले हर एक छात्र को कभी भी दहेज ना लेने या ना देने का बांड साइन करना होगा. राज्यपाल ने शुक्रवार को राज्य की सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलरों के साथ हुई बैठक के दौरान कहा की इस कुप्रथा को समाज से मिटाने की शुरुआत शिक्षण संस्थानों से होनी चाहिए. 


राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "सभी यूनिवर्सिटी को सलाह दी गई है कि वो अपने छात्रों को डिग्री देने से पहले उनसे एक बांड साइन करवा लें. जिसमें वो ये वादा करें कि वो कभी भी ना तो दहेज लेंगे ना ही दहेज देंगे." साथ ही उन्होंने कहा, "शिक्षा से हमें ज्ञान और विवेक मिलता है लेकिन आज के दौर में ये दहेज जैसी कुप्रथा का इस्तेमाल कर पैसे निकालने का जरिया बन गई है."


छात्रों के साथ साथ परिजनों को भी करना होगा साइन 


राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि, "शिक्षा हमें सही और गलत की पहचान कराती है. ये शादी के लिए किसी व्यक्ति की कीमत बढ़ाने का जरिया नहीं है. अगर ऐसा होता है तो ये एक अपराध है और दहेज लेना या देना एक आपराधिक गतिविधि है." हालांकि बांड साइन करने का ये नियम छात्रों तक ही सीमित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि, "छात्रों को नौकरी के लिए यूनिवर्सिटी या कॉलेज की डिग्री लेने से पहले ये बांड देना होगा कि वो कभी भी दहेज ना लेंगे ना देंगे. साथ ही इन यूनिवर्सिटी में दाखिले से पहले इन छात्रों के परिजनों को भी इसी तरह के बंद पर साइन करना होगा."


राज्यपाल ने कहा कि, "जल्द ही इसके प्रारूप को तैयार करने के लिए एक बैठक बुलाई जाएगी."


केरल के हालात पर जताई चिंता 


राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "हाल ही में केरल में दहेज की इस कुप्रथा में प्रताड़ना के चलते एक महिला की मौत हो गई. इस मामले ने राज्य के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. ये बेहद अचरज की बात है कि जिस राज्य में साक्षरता दर देश में सबसे ज्यादा है और जहां सामाजिक चेतना का उच्च स्तर है वहां इस तरह की घटना सामने आई है. ये ऐसा राज्य है जिसके सामाजिक और आर्थिक विकास में महिलाओं ने अपना बड़ा योगदान दिया है."


साथ ही उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं की राज्य के सभी छात्र प्रतिज्ञा लें कि वो कभी भी ना तो दहेज देंगे ना लेंगे. उन्हें प्रेरित करने को ही मैंने सभी वाइस चांसलरों से इसके लिए बांड पर साइन कराने की बात कही है. उन्हीं छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी जिन्होंने इस बांड पर साइन किया होगा."


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