तिरुवनंतपुरम: देश में तीन तलाक के मुद्दे पर बहस के बीच केरल में तीन तलाक कुप्रथा के तहत तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाएगी. राज्य के अल्सपंख्यक आयोग ने इस पहल की शुरूआत की है.


हर जिले में चार महिला वकीलों वाले पैनल


आयोग के सूत्रों ने आज बताया कि औपचारिक तौर पर कल इस पहल की शुरूआत की गयी और तलाकशुदा तथा अपने हाल पर छोड़ दी गयी महिलाओं से 21 शिकायतें मिली है. सेवानिवृत न्यायाधीश पी के हनीफ के नेतृत्व वाले इस आयोग ने महिलाओं को उचित सलाह और कानूनी सहायता देने के लिए राज्य के सभी 14 जिलों में प्रत्येक में चार महिला वकीलों वाले पैनल गठित किये हैं.


मुफ्त कानूनी सलाह और सहायता


हनीफ ने कहा कि तलाकशुदा महिलाएं अपने मुकदमे लड़ने के लिए अपने-अपने जिलों में पैनल के सदस्यों से मुफ्त कानूनी सलाह और सहायता ले सकती हैं. तीन तलाक की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है और सुप्रीम कोर्ट ने गत महीने फैसला दिया था कि एक संवैधानिक पीठ 11 मई से इन याचिकाओं पर सुनवायी करेगी.


शिकायतों के समाधान के लिए अदालत में मुकदमा


हनीफ ने कहा, ‘‘शिकायत सुनने के बाद पैनल में शामिल वकील उन्हें सलाह देंगी कि क्या उनकी शिकायतों के समाधान के लिए अदालत में मुकदमा दायर किया जाये या पुलिस या अन्य संबंधित प्राधिकरणों के पास जाया जाये.’’ उन्होंने कहा कि राज्य में कहीं भी रहने वाली महिला फोन नंबर के जरिये पैनल में शामिल वकीलों से संपर्क कर सकती हैं और इस संबंध में मदद ले सकती हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम धर्म में तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह 'बहुत महत्वपूर्ण' मुद्दे हैं और इससे लोगों की 'भावनाएं' जुड़ी हुई हैं.