केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने शानदार प्रदर्शन दिखाया. तीन चरणों में 1199 स्थानीय निकाय के चुनाव कराए गए थे. इसमें 941 ग्राम पंचायत, 152 ब्लॉक पंचायत, 86 नगर पालिका और 14 जिला पंचायतों के चुनाव हुए थे. इसके अलावा 6 नगर निगम के भी चुनाव कराए गए थे.
बीजेपी केरल में पैर जमाना चाहती थी. यह चुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम माना जा रहा था. अगले साल केरल में विधानसभा के चुनाव होने हैं. बीजेपी ने मैदान में 612 अल्पसंख्यक प्रत्याशी उतारे थे.
बीजेपी के 500 ईसाई प्रत्याशी थे तो 112 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे. केरल में एलडीएफ, यूनाइटेड टेमोक्रेटिक फ्रंट और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी. पहली बार बीजेपी ने केरल में इतनी ज्यादा संख्या में अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतारे. केरल में बीजेपी का वोट प्रतिशत साल 2014 के बाद लगातार बढ़ रहा है.
बीजेपी इस चुनाव में झंडा लहराकर विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है. इसी वजह से बीजेपी ने अल्पसंख्यक उम्मीदवारों का सहारा लिया है. हिंदू वोट यहां लेफ्ट पार्टियों में भी बंटा हुआ है. ऐसे में केवल हिंदू वोटों के सहारे यहां जीत हासिल करना मुमकिन नहीं है.
ग्राम पंचायत की 941 सीटों में से LDF को 516 तो UDF को 375 सीटें
केरल स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे:
ग्राम पंचायत-941
LDF -516
UDF -375
NDA-22
अन्य -28
ब्लॉक पंचायत-152
LDF-108
UDF-44
जिला पंचायत-14
LDF-10
UDF-4
म्युनिसिपैलिटी -86
LDF-35
UDF-45
NDA -2
अन्य -4
कॉरपोरेशन- 6
LDF-3
UDF-3
विधान सभा चुनाव से पहले इन चुनाव को लिटमस टेस्ट माना जा रहा था. ऐसे में एलडीएफ की भारी जीत से गदगद केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि LDF को स्थानीय निकाय चुनाव में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. यह राज्य के लोगों की जीत है. ये चुनाव नतीजे उन लोगों को करारा जवाब हैं जो कि राज्य को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.
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