केरल लव जिहाद मामला: केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंपी जांच
केंद्र सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि एनआईए ने एर्णाकुलम स्थित एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष नौ लोगों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है.
केरल: कोच्चि की एक महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और मुस्लिम युवक से शादी के बाद उसे इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों को बेचने के लिए सीरिया ले जाने का प्रयास करने के मामले की जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में ले ली है. केंद्र सरकार ने केरल हाई कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में यह बात कही है. इस कथित अपराध की गंभीरता के मद्देनजर केंद्र सरकार ने मामले में खुद संज्ञान लेते हुए मामले की जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी है.
केंद्र सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि एनआईए ने एर्णाकुलम स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट के समक्ष नौ लोगों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें कहा गया है कि उनलोगों के खिलाफ बलात्कार सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अधीन मामला दर्ज किया गया है.
गुजरात में बस चुकी केरल के पतनमथिट्टा जिले की रहने वाली पीड़ित महिला की ओर से दायर याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने यह हलफनामा दिया है. पीड़ित महिला ने जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह के बाद उसे तस्करी के जरिए सीरिया ले जाने के प्रयास के मामले में एनआईए जांच की मांग की थी. इस महीने की शुरूआत में एर्णाकुलम देहात पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया था कि कन्नूर जिले के तलश्शेरी के मोहम्मद रियाज ने 2014 में उसके साथ प्यार का नाटक किया. उस समय वह बेंगलुरू में पढती थी. रियाज ने उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया और उसके साथ निकाह किया.
उसने यह यह भी आरोप लगाया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनका विवाह पंजीकृत कराया गया है.
इससे पहले भी केरल में धर्म परिवर्तन के मामले सामने आ चुके हैं- क्या था पूरा मामला?
केरल के वाइकोम की रहने वाली अखिला तमिलनाडू के सलेम में होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही थी. इसके पिता के एम अशोकन का आरोप है कि हॉस्टल में उसके साथ रहने वाली 2 मुस्लिम लड़कियों ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया. अखिला ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम हदिया रख लिया. जनवरी 2016 में वो अपने परिवार से अलग हो गई.
हदिया के पिता ने दिसंबर 2016 में केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी गलत हाथों में पड़ गई है. उसे IS का सदस्य बना कर सीरिया भेजा जा सकता है. उन्होंने बेटी को अपने पास वापस भेजने की मांग की. बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.