Kerala Lift News:  केरल के तिरुवनंतपुरम जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक सरकारी अस्पताल में 59 वर्षीय व्यक्ति दो दिन तक लिफ्ट के भीतर फंसा रहा. इसके बाद जब सोमवार को सुबह लिफ्ट खोली गई तब उसे बाहर निकाला गया. इसके बाद लिफ्ट को नियमित कामकाज के लिए चालू किया गया. इसी दौरान लिफ्ट में फंसे शख्स ने आपबीती बताई. उन्होंने बताया कि जब वो लिफ्ट में फंसे थे तब वो एक कोने में पेशाब करते थे. इस दरमियान जब उन्हें प्यास या भूख लगती थी, तो वो बस अपने होंठ चाट लेता था.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय सीपीआई नेता और स्थानीय विधायक छात्रावास के 59 वर्षीय कर्मचारी रवींद्रन नायर शनिवार (14 जुलाई 2024) की सुबह पीठ दर्द के इलाज के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम गए थे. जहां पर उनके साथ उनकी पत्नी श्रीलेखा भी थीं, जो उसी अस्पताल में काम करती हैं. हालांकि, एक्स-रे के बाद वह डॉक्टर के जा रहे थे, तभी लिफ्ट फंस गई.


मोबाइल हुआ स्विच ऑफ


लिफ्ट से बाहर निकाले गए रवींद्रन करीब 42 घंटे लिफ्ट में ही फंसे रहे. उन्होंने बताया, "मैंने अलार्म बटन दबाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. लिफ्ट ऑपरेटर से संपर्क करने के लिए भी कोई इंटरकॉम नहीं था. ऐसे में मैंने अपने फोन का इस्तेमाल करते हुए लिफ्ट के अंदर लिखे कई (हेल्पलाइन) नंबरों पर कॉल करने की कोशिश की. मगर, कोई जवाब नहीं मिला. फिर फोन गिर गया और फोन ने काम करना बंद कर दिया."


रवींद्रन ने बताया कि कोशिश कर के थकने के बाद वो एक कोने में बैठकर किसी के आने की उम्मीद करने लगे. इसके बाद उनके मन में एक विचार आया कि अगले दिन रविवार था और वह संभवतः अगले दिन तक वहीं फंसा रह सकते हैं. उन्होंने कहा, "मैं एक कोने में पेशाब करता था. कभी-कभी, मैं जोर-जोर से रोता था. मैं सो नहीं पाता था. जब मुझे प्यास या भूख लगती थी, तो मैं बस अपने होंठ चाटता था." उन्होंने बताया कि लिफ्ट चैंबर में कोई पंखा या लाइट नहीं थी, फिर भी कुछ हवा अंदर आ रही थी, जिससे उन्हें ऑक्सीजन मिलती रहती थी. वे लगातार अलार्म बेल बजाते रहे. 


परिजनों ने पुलिस में दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट


इस मामले में पुलिस ने बताया कि जब रवींद्रन शनिवार को घर नहीं पहुंचे तो उनकी पत्नी श्रीलेखा ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने इसे रवींद्रन की शिफ्ट ड्यूटी समझ कर छोड़ दिया. लेकिन जब वह रविवार को वापस नहीं आए और फोन भी बंद आने लगा तो परिवार ने फौरन ऑफिस और उनके दोस्तों से पूछताछ की. इसके बाद पता चला कि वो शनिवार से ही नहीं आए हैं. आखिरकार रविवार देर रात रवींद्रन के परिवार ने मेडिकल कॉलेज पुलिस स्टेशन में उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.


सोमवार को बेहोश मिले तो मचा हड़कंप


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सुबह सामने जब लिफ्ट ऑपरेटर ने नियमित कामकाज के लिए लिफ्ट चालू की तो उसमें एक शख्स बेहोश पड़ा था. उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनके पास मौजूद अस्पताल के कागजों से पहचान हुई और रवींद्रन के परिजनों को सूचना दी गई. इस घटना के बाद प्रशासन ने जिम्मेदार अधिकारियों की चूक पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है.


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