(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पीसी जॉर्ज की पार्टी का बीजेपी में विलय, लोकसभा चुनाव की दावेदारी को लेकर दिया बयान
Lok Sabha Election 2024: दिल्ली में केरल बीजेपी के प्रभारी प्रकाश जावेड़कर, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन और राजीव चंद्रशेखर की मौजूदगी में पीसी जॉर्ज और उनके बेटे को बीजेपी में शामिल कराया गया.
Kerala Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केरल के सात बार के विधायक पीसी जॉर्ज ने बीजेपी का दामन थाम लिया. केरल जनपक्षम (सेक्युलर) के नेता ने अपनी पार्टी का बुधवार (31 जनवरी) को बीजेपी में विलय कर दिया. दिल्ली में केरल बीजेपी प्रभारी प्रकाश जावेड़कर, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर और प्रदेश प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल की मौजूदगी में पीसी जॉर्ज और उनके बेटे शॉन जॉर्ज का पार्टी में शामिल होने पर स्वागत किया गया.
बीजेपी में विलय होकर क्या बोले पीसी जॉर्ज?
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि पीसी जॉर्ज के बीजेपी में आने से यह प्रचार दूर हो गया है कि बीजेपी अल्पसंख्यक विरोधी है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है और अधिक लोग पार्टी से जुड़ेंगे. पीसी जॉर्ज ने कहा, "लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर पार्टी फैसला लेगी. लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य से बीजेपी के पांच सांसद चुने जाएंगे."
इससे पहले की थी पीएम मोदी की तारीफ
पीसी जॉर्ज ने मंगलवार (30 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र की जमकर तारीफ भी की थी. उन्होंने कहा था कि भारत को पीएम मोदी के इतना कुशल नेतृत्व कभी नहीं मिला. साथ उन्होंने बीजेपी के साथ विलय होने की बात भी की थी. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो वे लड़ेंगे वर्ना नहीं लड़ेंगे.
#WATCH | Seven-time Kerala MLA PC George's Kerala Janapaksham (Secular) merges with the BJP ahead of 2024 Lok Sabha Polls, in New Delhi pic.twitter.com/gsT39huyNc
— ANI (@ANI) January 31, 2024
2017 में की अपनी पार्टी की स्थापना
केरल जनपक्षम (सेक्युलर) पार्टी बनाने से पीसी जॉर्ज केरल कांग्रेस, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि), केरल कांग्रेस (सेक्युलर) पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं. उन्होंने साल 2017 में अपनी पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) की स्थापना की थी.
लोकसभा चु्नाव 2024 से पहले देश भर में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है. बीजेपी की अगुआई में एनडीए ने बिहार में फिर से सत्ता में वापसी की है. यहां लंबे राजनीतिक उठापटक के बाद जेडीयू एनडीए में शामिल हो गई और इंडिया गठबंधन से अलग हो गई. चुनाव से पहले इसे देश की राजनीति में बड़े बदलाव को तौर पर देखा जा रहा है.