Kerala Murder Case: मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाएगी केरल सरकार, डॉक्टर की हत्या के बाद HC से लगी थी फटकार
Ordinance On Safety Of Medical Professionals: केरल में महिला डॉक्टर की हत्या के बाद मचे बवाल के बाद केरल सरकार ने चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है.
Kerala Doctor’s Murder: केरल में एक महिला डॉक्टर की हत्या के बाद हुए विरोध को देखते हुए सरकार ने गुरुवार (11 मई) को मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अध्यादेश जारी करने का फैसला किया है. इससे पहले, हाईकोर्ट ने मामले पर खुद संज्ञान लेते हुए केरल सरकार और पुलिस को जमकर फटकार भी लगाई थी.
दरअसल, बुधवार (10 मई) को कोल्लम जिले के एक सरकारी अस्पताल में डॉ. वंदना दास की चाकू मारकर एक व्यक्ति ने हत्या कर दी थी. इस व्यक्ति को पुलिस मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लेकर आई थी. इसके बाद से ही वंदना दास के लिए न्याय की मांग करते हुए डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
सीएम विजयन ने बुलाई आपातकालीन बैठक
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले को बढ़ता देख मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक आपातकालीन हाई लेवल मीटिंग बुलाई और अस्पताल सुरक्षा कानून में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश जारी करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि केरल हेल्थकेयर सर्विस पर्सन एंड हेल्थकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशंस (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) अधिनियम, 2012 में संशोधन के लिए अध्यादेश अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा.
बयान में कहा गया है कि यह भी फैसला किया गया कि राज्य के सभी बड़े अस्पतालों में पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी. इस हाई लेवल मीटिंग में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज और मुख्य सचिव वीपी जॉय के साथ-साथ स्वास्थ्य, कानून और चिकित्सा शिक्षा सचिव, राज्य के पुलिस प्रमुख, एडीजीपी और कई अन्य अधिकारी शामिल हुए.
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
सरकार का यह फैसला केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले के कुछ घंटे बाद आया, जिसमें कहा गया था कि जिस घटना के कारण युवा चिकित्सा पेशेवर की हत्या हुई, वह व्यवस्थागत विफलता का परिणाम थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाई थी. जस्टिस देवन रामचंद्रन और कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने राज्य से कहा, “अगर आप डॉक्टरों की रक्षा नहीं कर सकते हैं, तो अस्पतालों को बंद कर दें.”