केरल के मुवत्तुपुझा में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने सोमवार को एक विवादास्पद घटना पर खेद व्यक्त किया, जिसमें छात्रों के एक वर्ग ने चर्च द्वारा संचालित निर्मला कॉलेज के परिसर के अंदर 'नमाज' अदा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के खिलाफ कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन किया था.


उन्होंने कॉलेज के अधिकारियों से मुलाकात की और घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. केरल में विवाद उत्पन्न होने के बाद मौलवियों समेत मुवत्तुपुझा क्षेत्र के 'महल्लू' समिति के सदस्यों ने कॉलेज के अधिकारियों से मुलाकात की.


यह विवाद उस समय उत्पन्न हुआ, जब छात्रों के एक वर्ग ने कॉलेज के अंदर विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने कुछ छात्राओं को संस्थान के एक कमरे में जुमे की नमाज अदा करने से रोका था. छात्रों ने आरोप लगाया था कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने कुछ छात्राओं को संस्थान के एक कमरे के अंदर शुक्रवार को नमाज अदा करने से रोका था. छात्रों ने इस मामले में प्रिंसिपल से माफी की मांग की थी. 


यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण- महल्लू समिति

स्थानीय महल्लू समिति के एक सदस्य ने मीडिया से कहा, “हमने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की. हमने अधिकारियों के समक्ष स्वीकार किया कि छात्रों की गलती थी और हम इस घटना पर अपने समुदाय की ओर से खेद व्यक्त करते हैं.” इतना ही नहीं समिति ने कहा, छात्रों को ऐसी मांग उठाने से बचना चाहिए, जिनसे नफरत पैदा हो. 


कुछ स्थानीय चैनलों द्वारा प्रसारित विरोध प्रदर्शन के वीडियो में छात्रों ने दावा किया है कि कई दिन तक कार्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी और प्रधानाचार्य से माफी मांगने को कहा.

बीजेपी ने साधा था निशाना

इस घटना की बीजेपी ने आलोचना की थी और दावा किया था कि कुछ लोग हिंदू और ईसाई समुदायों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों में समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया, ‘‘कुछ लोग नमाज अदा करने की अनुमति न देने के लिए कॉलेज के प्रिंसिपल को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह की हरकतों के पीछे चरमपंथी लोग हैं.’’