पलक्कड़ में RSS कार्यकर्ता और SDPI नेता के हत्यारे अब तक फरार, पुलिस बोली- 'दोनों की हत्या पूर्व नियोजित साजिश'
केरल की सियासत गर्माने लगी है. दरअसल, यहां के पलक्कड़ में RSS कार्यकर्ता और SDPI के नेता के हत्यारे अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. पुलिस ने रविवार को कहा कि यह हत्या पूर्व नियोजित साजिश है.
केरल की सियासत गर्माने लगी है. दरअसल, यहां के पलक्कड़ में RSS कार्यकर्ता और SDPI के नेता के हत्यारे अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. वहीं पुलिस ने रविवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिले में आरएसएस और पीएफआई के नेताओं की एक के बाद एक हुई हत्या पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है. वहीं विपक्षी दल लगातार होती हत्याओं को लेकर राज्य सरकार को घेर रहे हैं.
दोनों हत्याओं के पीछे साजिश
आरएसएस नेता एस. के. श्रीनिवासन (45) की हत्या के बाद पलक्कड़ पहुंचे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) विजय सखारे ने मीडिया से बातचीत में कहा, "दोनों हत्याओं के पीछे साजिश है. हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसके पीछे कौन हैं. उन्होंने इन आरोपों से भी इनकार किया कि शुक्रवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेता सुबैर (43) की हत्या के बदले में ये हत्या की गई है." सखारे ने कहा कि, "सुनियोजित हत्या को रोकना बहुत कठिन है और दोनों हत्याएं सुनियोजित थीं."
मिले हैं अहम सुराग
विजय सखारे ने कहा कि, "दोनों मामलों में अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन कई संदिग्ध पुलिस की हिरासत में हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है और पूछताछ के आधार पर जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी." उन्होंने यह भी कहा कि, "हत्याओं की जांच के लिए दो विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए गए हैं और पुलिस को कुछ ठोस सुराग मिले हैं."
6 लोगों ने किया था हमला
आरएसएस के पदाधिकारी श्रीनिवासन पर शनिवार को मेलमुरी में 6 लोगों ने हमला किया था. इससे पहले शुक्रवार को जिले के एलापुल्ली में सुबैर की तब हत्या कर दी गई थी, जब वह नमाज के बाद मस्जिद से अपने पिता के साथ घर लौट रहे थे. पांच महीने पहले कथित एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने स्थानीय आरएसएस नेता संजीत की उसी इलाके में हत्या कर दी थी जहां सुबैर की हत्या हुई. पीएफआई ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि सुबैर की हत्या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने की है. केरल में पिछले कुछ महीनों में भाजपा/आरएसएस और एसडीपीआई/पीएफआई से जुड़े लोगों की एक के बाद एक हत्या की इस तरह की दूसरी घटना है. पिछले साल दिसंबर में अलाप्पुझा में 24 घंटे के भीतर एसडीपीआई के एक नेता और भाजपा के एक नेता की हत्या हुई थी.
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