केरल (Kerala) के अलप्पुझा में हाल ही में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मार्च में कथित रूप से भड़काऊ नारे (Hate slogan) लगाकर विवाद को जन्म देने वाले एक नाबालिग लड़के के पिता को यहां पल्लुरूथी में उसके घर से गिरफ्तार लिया गया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद यह लड़का और उसका परिवार अपने घर से कथित रूप से बाहर था. इस वीडियो में नजर आ रहा है कि 21 मई को पीएफआई द्वारा बुलायी गई ‘ गणतंत्र बचाओ’ रैली में यह लड़का एक व्यक्ति के कंधे पर बैठा है और आपत्तिजनक नारे लगा रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
बच्चे को विवादास्पद नारा लगाना किसी ने नहीं सिखाया- पिता
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चे के पिता को हिरासत में लिया गया है और अब उसे विस्तृत पूछताछ के लिए शीघ्र ही निकटवर्ती अलप्पुझा ले जाया जाएगा और आगे की प्रक्रियाएं बाद में तय की जाएंगी. अपने बेटे के कृत्य को सही ठहराते हुए इस व्यक्ति ने कहा कि बच्चे को विवादास्पद नारा किसी ने नहीं सिखाया था, बल्कि उसने पहले भी इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान सीखा था. उसने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि उसके बेटे ने किसी कार्यक्रम में इस तरह के नारे लगाए, बल्कि उसके द्वारा ऐसे नारे लगाने के कई प्रकरण यूट्यब पर देखे जा सकते हैं.
हिरासत में लिए जाने से पहले उसने मीडिया से कहा, ‘‘हम पीएफआई के कार्यक्रमों में जाते रहते थे. उसने यह नारा संशोधित नागरिकता कानून के क्रियान्यवन के विरूद्ध किसी विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान सीखा था. मैं समझ नहीं पाता हूं कि अब यह विवाद क्यों बन गया है. उसने क्या गुनाह किया है कि इतने छोटे लड़के को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है.’’
अबतक 20 लोग गिरफ्तार
अब तक इस सिलसिले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही विभिन्न स्थानों से और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा रहा है. पुलिस सूत्रों के अनुसार लड़के को काउन्सलिंग के लिए शीघ्र ही किसी सरकारी केंद्र पर भेजा जाएगा. इस बीच, पीएफआई कार्यकर्ताओं ने बच्चे के पिता को पुलिस हिरासत में लिये जाने के विरूद्ध पल्लुरूथी में विरोध प्रदर्शन किया. नारेबाजी विवाद के इस मामले में सबसे पहले एरात्तूपेट्टा निवासी अनस को गिरफ्तार किया गया था. उसी ने अपने कंधे पर बच्चे को बैठा रखा था. विजयकुमार पी के की शिकायत पर इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें पुलिस ने भादंसं, केरल पुलिस कानून की संबंधित धाराएं लगायी थीं और पीएफआई के जिला सचिव मुजीब, नवास और अन्य को आरोपी के तौर नामजद किया गया था.