कार पर पुलिस का स्टिकर लगा मस्जिद में विवाद सुलझाने गया था सादिक, पुलिस ने धरा तो पता चला UAPA का था आरोपी
Kerala News: तमिलनाडु निवासी सादिक बाशा (40) के खिलाफ NIA ने यूएपीए के तहत कई मामले दर्ज किये थे, जिनमें वह बेल पर है. आरोपी पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हिस्सा होने का संदेह है.
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UAPA Case Accused Sadiq Basha Arrest: केरल पुलिस ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के विभिन्न मामलों में जमानत पर रिहा तमिलनाडु के एक निवासी को पुलिस का स्टिकर लगी एक निजी कार में यात्रा करते वक्त गिरफ्तार किया है. आरोपी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सादिक बाशा (40) के खिलाफ यूएपीए के कई मामले दर्ज किये थे, जिनमें वह जमानत पर है.
पुलिस ने बताया कि बाशा एक मस्जिद में वैवाहिक विवाद को सुलझाने के लिए 3 सहयोगियों के साथ रविवार (26 फरवरी, 2024) को वत्तियूर्कावु पहुंचा था. सादिक बाशा को निजी कार पर पुलिस स्टिकर का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
तमिलनाडु पुलिस से संपर्क साध रही केरल पुलिस
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 417 (धोखाधड़ी) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 117(सी) (एक पुलिस अधिकारी का वेश धारण करना) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि आरोपी पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हिस्सा होने का संदेह है. उसका कहना है कि हमने इस मामले में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए तमिलनाडु पुलिस से संपर्क किया है. तमिलनाडु पुलिस से इस मामले में जानकारी आना बाकी है.
केंद्र ने 2022 में लगाया था पीएफआई पर 5 साल का बैन
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से सितंबर, 2022 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों की ओर से की गई थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने भी पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं. इस सब के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था.
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