Kerala Pregnant Woman: देश के कई हिस्सों में आज भी सड़कों की हालत ठीक नहीं है. इसकी वजह से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो सड़क न होने या फिर जर्जर होने की वजह से मरीजों की जान तक चली जाती है. ऐसा देखा जाता है कि ग्रामीण इलाकों में अस्पताल तक पहुंचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को कामचलाऊ स्ट्रेचर का इस्तेमाल किया जाता है.


केरल के पलक्कड़ जिले के एक गांव में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए अस्थाई स्ट्रेचर में ही रखकर ग्रामीणों को तीन किलोमीटर से अधिक पैदल चलना पड़ा. केरल के पलक्कड़ जिले के कदुकुमन्ना गांव (Kadukumanna Village) की एक गर्भवती आदिवासी महिला को उसके रिश्तेदार अस्थायी स्ट्रेचर पर अस्पताल ले गए.


महिला को करना पड़ा इमरजेंसी का सामना


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के पलक्कड़ जिले (Palakkad District) के कदुकुमन्ना गांव की गर्भवती महिला की पहचान सुमंती मुरूकन (Sumanthi Murukan) के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि महिला का इलाज चल रहा था, वह कोट्टाथारा ट्राइबल स्पेशियलिटी अस्पताल (Kottathara Tribal Speciality Hospital) में डॉक्टरों से सलाह ले रही थी और उसकी डिलीवरी (Delivery) अगले हफ्ते होनी थी लेकिन रविवार (11 दिसंबर) की रात महिला को प्रसव पीड़ा (Labor Pain) हुई.


जर्जर सड़क बनी बाधा


जानकारी के मुताबिक, लेबर पेन होने के बाद महिला के परिजनों ने एंबुलेंस (Ambulance) के लिए फोन किया लेकिन सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण गाड़ी गांव तक नहीं पहुंच सकी. महिला के परिजन उसे अस्थाई स्ट्रेचर पर ले गए और जंगल से होकर मुख्य सड़क तक साढ़े तीन किलोमीटर पैदल चले. वहां से महिला को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल ले जाया गया. जर्जर सड़क की वजह से मां और बच्चे की जान को खतरा हो सकता था. अस्पताल पहुंचने के ठीक बाद महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया.  


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