भारी आलोचना के बीच केरल सरकार ने रोका विवादित पुलिस संशोधन अध्यादेश
रविवार को अध्यादेश पर भारी आलोचना के बाद मुख्यमंत्री पी. विजयन ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि यह अध्यादेश सोशल मीडिया पर किसी को व्यक्तिगत तौर पर और उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखकर लाया गया है.
केरल की सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) सरकार की काफी आलोचना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने सोमवार को विवादित केरल पुलिस संशोधन अध्यादेश पर फिलहाल रोक लगा दी है. उनकी सरकार के इस कदम पर ‘मीडिया को दबाने’ के मकसद से ऐसा करने का आरोप लग रहे थे.
सोमवार को एक विस्तृत बयान में विजयन ने कहा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर साइबर हमले को देखते हुए हमें यह अध्यादेश लाने पर मजबूर होना पड़ा. इस के चलते कई खुदकुशी और ब्रेक-अप की घटनाएं सामने आई हैं. लेकिन, कई जगहों पर इस पर घोर आपत्ति जाहिर किए जाने के बाद हमने यह फैसला किया है कि इस पर आगे नहीं बढ़ेंगे.
इससे पहले, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने खुद को इस अध्यादेश से अलग करते हुए कहा कि यह उनकी पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. रविवार को अध्यादेश पर भारी आलोचना के बाद मुख्यमंत्री पी. विजयन ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि यह अध्यादेश सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल और लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखकर लाया गया है.
बयान में कहा गया, “हमारे संविधान और कानूनी ढांचे के दायरे में, हर किसी को कड़ी आलोचना करने का अधिकार है। नए संशोधन से उस स्वतंत्रता में किसी भी तरह की बाधा नहीं आएगी, ”बयान में आगे कहा गया है।”