तिरुवनन्तपुरम: केरल में वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ताओं और आरएसएस के कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक हिंसा की वारदातें नहीं थम रही हैं. 29 जुलाई को आरएसएस के नेता राजेश की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप सीपीएम के सदस्यों पर लगा था. लेकिन सीपीएम ने इन आरोपों को बेबुनियाद कहा था. पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर मनीकंदन सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है.


सीपीएम का कहना है कि राजेश की हत्या की वजह व्यक्तिगत रंजिश है. इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विजयन से केरल में बढ़ती हुई राजनीतिक हिंसा को लेकर फोन पर बातचीत की थी. राजनाथ सिंह ने इसके बाद कहा था कि लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा स्वीकार्य नहीं है.

सोमवार को हुई हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में दो संगठन के कार्यालयों को निशाना बनाया गया. कोट्टायम में सीपीएम की ट्रेड यूनियन इकाई सीटू के जिला समित कार्यालय पर पथराव किया गया जबकि आरएसएस के जिला कार्यालय पर भी पेट्रोल बम फेंका गया. इस बार भी बीजेपी ने सीपीएम कार्यकर्ताओं पर आरएसएस के जिला कार्यालय पर बम हमले का आरोप लगाया है.

बीजेपी की जिला इकाई के मुताबिक, हमले से शहर की थिरुंक्करा स्थित इमारत को काफी नुकसान पहुंचा है. बीजेपी ने कहा है कि पुलिस शहर में आरएसएस-भाजपा कार्यालयों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए उचित कदम नहीं उठा रही है.