Kerala News: केरल के कोझीकोड में हाल ही में आयोजित एक स्कूल कला उत्सव फिर से विवाद के केंद्र में आ गया है. उत्सव में प्रदर्शन के दौरान इस्लामी पोशाक में एक व्यक्ति को एक आतंकवादी के रूप में चित्रित किया गया था. पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने मंगलवार को जिम्मेदार प्रदर्शन कला समाज पर प्रतिबंध लगा दिया. वहीं, इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की है.


इस पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री और माकपा नेता वी शिवनकुट्टी ने कहा कि एक मुस्लिम व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में चित्रित करना वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) के रुख के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "संगठन, MATHA, या मलयालम नाट्य विरासत और कला, जिसने उत्सव के उद्घाटन के दौरान स्वागत गीत के भाग के रूप में एक शो का मंचन किया, उसे अगली बार कोई अवसर नहीं दिया जाएगा. आवश्यक कार्रवाई की जाएगी."


केरल स्कूल कला महोत्सव


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पांच दिवसीय केरल स्कूल कला महोत्सव का 61वां संस्करण 3 जनवरी को शुरू हुआ था. केरल के सांस्कृतिक कैलेंडर में इसे सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है. कोरोना लॉकडाउन के कारण यह उत्सव दो साल बाद दोबारा शुरू किया गया था.


यह उत्सव पहली बार पिछले हफ्ते "ब्राह्मणवादी प्रभुत्व" पर एक बहस के दौरान सुर्खियों में आया. कई लोगों ने बताया कि इस कार्यक्रम में केवल शाकाहारी खाना परोसा गया था क्योंकि कैटरर पझायिदोम मोहनन ब्राह्मण हैं. 


शो में ऐसा क्या था?


हालांकि, इस बार एक मुस्लिम को आतंकवादी के रूप में चित्रित करने को लेकर यह कार्यक्रम फिर से विवादों में आ गया है. पहले दिन 'MATHA' ने शो के दौरान, एक भारतीय सेना के जवान को एक आतंकवादी को हिरासत में लेते हुए दिखाया, जिसने एक रक्षा अधिकारी की हत्या कर दी थी. शो में आतंकवादी ने अरब पुरुषों की एक पारंपरिक हेडड्रेस केफियेह पहनी थी.


IUML ने सरकार पर लगाया गंभीर आरोप


कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) सहित विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने शो की निंदा करते हुए कहा कि सरकार उत्सव स्थल का इस्तेमाल इस्लामोफोबिया को भड़काने के लिए कर रही है. सीपीआई (एम) नेता और लोक निर्माण मंत्री मोहम्मद रियास ने आरोप लगाया कि शो के पीछे संघ परिवार का एजेंडा था. 


माकपा जिला समिति ने की कार्रवाई की मांग


कोझिकोड में माकपा जिला समिति ने मंगलवार को कहा कि स्टेज शो के खिलाफ आलोचना बहुत गंभीर थी और कार्रवाई की मांग की. पार्टी ने एक बयान में कहा, "मुस्लिम पोशाक में एक आतंकवादी को पेश करना एलडीएफ सरकार के रुख के खिलाफ है. आतंकवाद और उग्रवाद का संबंध किसी समुदाय विशेष से नहीं है. इसकी जांच की जानी चाहिए कि इस तरह के शो का मंचन कैसे किया गया."


MATHA पर लगा प्रतिबंध


जिला समिति के हस्तक्षेप के बाद राज्य शिक्षा विभाग ने उत्सव के भविष्य के संस्करणों से MATHA पर प्रतिबंध लगा दिया. बैन के बावजूद, कांग्रेस माकपा नीत सरकार पर भारी पड़ी और कहा कि मुख्यमंत्री को मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद के मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि समारोह में शिक्षा मंत्री मौजूद थे और पर्यटन मंत्री ने हर चीज की अगुवाई की थी. 


बीजेपी ने क्या कहा?


राज्य बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खड़े होने का दावा करती है, लेकिन धार्मिक चरमपंथियों के आगे घुटने टेक देती है. उन्होंने कहा, "सरकार ने साबित कर दिया है कि वह कट्टरपंथियों के साथ है."


'शो के पीछे कोई राजनीति नहीं थी'


MATHA के कला निर्देशक कनकदास ने कहा कि विवाद दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने कहा, "शो के पीछे कोई राजनीति नहीं थी और हमारे कलाकार सभी राजनीतिक दलों से संबंधित हैं. हमने कई सरकारी कार्यक्रमों के लिए शो प्रस्तुत किए. स्कूल फेस्टिवल में स्टेज शो के बाद मंत्री रियास ने हमें बधाई दी. फिर, किसी ने शो के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की."


क्या है MATHA?


कोझिकोड के पेरम्बरा स्थित MATHA पिछले तीन दशकों से नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. थिएटर मूवमेंट में लगभग 200 कलाकार हैं जो मंच पर और मंच के बाहर काम कर रहे हैं. माथा ने तमिल महाकाव्य सिलप्पाथिकरम पर आधारित एक शो के लिए प्रशंसा हासिल की है. उसने कई सरकारी कार्यक्रमों और केरल और पूरे भारत में सरकारी एजेंसियों के लिए कई शो भी आयोजित किए हैं. समूह ने कई बार पश्चिम एशिया में भी प्रदर्शन किया है.


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