केरल सरकार के 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' पर दिल्ली में हंगामा, विजय चौक पर UDF सांसदों ने किया प्रदर्शन, पुलिस से झड़प
केरल सरकार के 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के खिलाफ गुरुवार को केरल UDF के सांसदों ने विजय चौक पर 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के विरोध में प्रदर्शन किया, इस दौरान पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई
केरल सरकार के 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के खिलाफ विरोध तेज होने लगा है. गुरुवार को केरल UDF के सांसदों ने विजय चौक पर 'सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट' के विरोध में प्रदर्शन किया, इस दौरान पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई. प्रोटेस्ट के दौरान केरल के कांग्रेस के सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि, हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की परेशानी देखें और इस प्रोजेक्ट को आने से रोकें. इस प्रोजेक्ट से केरल के 30,000 लोग डरे हुए हैं.
क्या है पूरा प्रोजेक्ट
केरल सरकार राज्य के दो छोरों को जोड़ने के लिए 64000 करोड़ रुपये की लागत से सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट ला रही है. राज्य सरकार का कहना है कि जिले के शहरों में ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है. अगर केरल के दक्षिण और उत्तर छोर को आपस में जोड़ दिया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाएगी. इसी वजह से केरल सरकार और रेल मंत्रालय मिलकर तिरुवनंतपुरम से कासरगोड के बीच 529.45 किलोमीटर लंबा सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर तैयार करने पर जुटा है. इसे ही सिल्वर लाइन प्रोजेक्ट कहा गया है. रेलवे बोर्ड ने इसको 17 दिसंबर 2019 को सैद्धांतिक रूप से मंजूर कर दिया था, लेकिन मंजूरी के बाद से ही बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दलों ने विरोध शुरू कर दिया था.
#WATCH | Delhi: A scuffle breaks out between police forces & Kerala's UDF MPs while they were protesting at Vijay Chowk against Kerala's K-Silver line project pic.twitter.com/V1Ll3HlqJJ
— ANI (@ANI) March 24, 2022
K-Silver line project proposed by Kerala govt is anti-people. Most people are in fear of eviction. Kerala is an economically fragile state... this is not an economically viable project. Now CM (Pinarayi Vijayan) is going to meet the PM to get a sanction: KC Venugopal, Congress pic.twitter.com/mouQaVnQra
— ANI (@ANI) March 24, 2022
ये है विरोध की वजह
अब लोग जानना चाहते हैं कि जब ये प्रोजेक्ट इतना महत्वपूर्ण है तो इसका विरोध क्यों हो रहा है. दरअसल इसे लेकर एर्नाकुलम, कोट्टायम और कोझिकोड जिले में सबसे ज्यादा विरोध है. विरोध में सभी विपक्षी दल और पर्यावरणविद शामिल हैं. इनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट का रूट वेटलैंड्स, धान के खेत और केरल की पहाड़ियों से रखा गया है. ऐसे में इससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा. इसकी वजह से 20 हजार से ज्यादा लोगों के सिर से छत छिन जाएगी. वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कहना है, राज्य सरकार किसी भी कीमत पर इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगी. कुछ लोग जनता को भटका रहे हैं, लेकिन यह प्रोजेक्ट हमारे बच्चों का भविष्य है.
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